छत्तीसगढ़ में मुनगा के पाउडर से ठीक हुए 1200 से अधिक कुपोषित बच्चे इधर मध्य प्रदेश सरकार अंडो में ढूंढ रही कुपोषण की दवा

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छत्तीसगढ़ राज्य के जिले सूरजपुर में सरकारी मदद से कुछ लोगों ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है कि जिसके चलते चारों तरफ उनकी तारीफ हो रही है हुआ कुछ यूं था कि छत्तीसगढ़ राज्य के जिला सूरजपुर में मुनगा की फली से बनी  कुछ वस्तुएं खाने की चीजें खाने से 1200 से भी ज्यादा बच्चों का कुपोषण कुछ हद तक सुधर गया है सूरजपुर जिले में मुनगा की खेती कर रही 150 गरीब महिलाएं इस कार्य में लगी हुई हैं छत्तीसगढ़ राज्य के सूरजपुर जिले में बच्चों का कुपोषण की बीमारी से बचाने के लिए वहां की कुछ ग्रामीण गरीब महिलाओं ने प्रशासन की मदद से  कुपोषण से ग्रस्त बच्चों को बचाने के लिए एक अनूठी मिसाल पेश की है वहां की महिलाओं के समूह ने मुनगा की फली से बने पाउडर से कुछ खाने की वस्तुएं निर्मित की जैसे नमकीन पकौड़ी समोसे मुरमुरे टोस्ट ब्रेड इत्यादि इन खाने की वस्तु में मुनगा का पाउडर मिलाया जाता था और यह आंगनवाड़ी में बच्चों को खाने के लिए दिया जाता था इस कार्य को लगभग तीन चार महीने बच्चों को खिलाया गया यह पाउडर 3 साल से लेकर 6 साल तक के बच्चों को दिया जाता था इस पाउडर से बने खाने की चीजों के सेवन के बाद बच्चों में सुधार पाया कि बच्चे बहुत अधिक हद तक कुपोषण से बाहर निकल आए और उनमें अभूतपूर्व बदलाव देखने को मिले बच्चों का कुपोषण बहुत अधिक हद तक सुधर चुका था और बच्चे अपनी स्वास्थ्य जीवन शैली की तरफ बढ़ रहे थे ऐसा करने से कुपोषण से तो मुक्ति मिली ही साथ ही क्षेत्र की गरीब असहाय विधवा और आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं के लिए भी नए रोजगार का सृजन हुआ प्रशासन और स्थानीय लोगों की पहल से यह कार्य संपन्न हुआ जिसकी अनुशंसा और प्रशंसा चारों तरफ की जा रही है प्रशासन और स्थानीय लोगों को हर ओर से बधाइयां मिल रही हैं और इससे बच्चों का कुपोषण दूर हुआ और क्षेत्र के लोगों का रोजगार भी उत्पन्न हो गया

इधर मध्यप्रदेश में आंगनबाड़ी में अंडे और दूध की दुकान मीट

वहीं इसके उलट मध्यप्रदेश में प्रशासन आंगनवाड़ी केंद्रों पर मुर्गी के अंडे छोटे बच्चों को वितरित करवाने पर विचार कर रहा है जबकि अगर ऐसा हुआ तो जो लोग मांसाहारी नहीं होते हैं वह लोग अपने बच्चे आंगनबाड़ी में भेजना बंद कर देंगे क्योंकि अंडे को मांसाहारी माना जाता है कुपोषण के लिए क्या सिर्फ अंडा खिलाना ही जरूरी है मध्य प्रदेश सरकार के कर्ता-धर्ता ओं को क्या ऐसा करना  ठीक लगता है कुछ लोगों का कहना है कि छोटे बच्चे क्या जाने खाने की चीज क्या शाकाहारी और क्या मांसाहारी है ऐसा करने से आंगनबाड़ियों में दंगे फसाद भी उत्पन्न हो सकते हैं कुछ दिन पहले खबर यह भी आई थी कि मध्य प्रदेश सरकार दूध के साथ मीट भी बिक्री करने की योजना बना रही है

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