बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि लिमिटेड को ऋण शोधन की प्रक्रिया के तहत शुक्रवार को पतंजलि के द्वारा अधिग्रहण की हुई रुचि सोया के कंपनी के लिए भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के संगठन के साथ 3200 करोड़ रुपए के लोन को मंजूरी दे दी गई है राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण ने सितंबर माह में रुचि सोया आयल कि कंपनी के अधिग्रहण को लेकर पतंजलि आयुर्वेद कि समाधान योजना को मंजूरी दे दी गई थी पतंजलि आयुर्वेद कंपनी के प्रबंधक आचार्य बालकृष्ण जीने एक बयान जारी कर यह बताया था कि भारतीय स्टेट बैंक के समूह के साथ कुछ कर्ज़ की व्यवस्था की गई है इसकी सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं
कंपनी के प्रबंधक के बयान के अनुसार उन्हें एसबीआई से 1200 करोड़ रुपए जबकि पंजाब नेशनल बैंक से 700 करोड़ रुपए तथा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 600 करोड़ रुपए और सिंडिकेट बैंक से 400 करोड़ तथा इलाहाबाद बैंक से 300 करोड़ रुपए का कर्ज मिलना तय हुआ है इसी आधार पर रुचि सोया ऑयल कंपनी को दिसंबर 2017 में ऋण शोधन प्रक्रिया में अधिग्रहित कर ली गई थी
रुचि सोया ऑयल कंपनी दिसंबर 2017 में दिवालिया हो गई थी इसके बाद बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद में किस कंपनी का अधिग्रहण करना पैमाना गया था तथा इस मामले में स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक और डीएसबी बैंक की पहल के बाद दिवाला संबंधी याचिका स्वीकार कर ली गई थी तथा रुचि सोया ऑयल ने एनसीएलटी को कहा था कि पतंजलि समूह रोजोयूशन प्लान के तहत 204.75करोड रुपए की सिक्योरिटी डालेगा और 3233. 36 करोड रुपए का कर्ज के रूप में पतंजलि के ऊपर रहेगा