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इस्लामाबाद: बीते 48 घंटों में सऊदी अरब सहित 12 देशों से कुल 131 पाकिस्तानी नागरिकों को निर्वासित किया गया है। इनमें से कई नागरिकों को वीज़ा उल्लंघन, अवैध गतिविधियों और रोजगार नियमों के उल्लंघन के आरोप में देश से बाहर निकाला गया।
मध्य पूर्व में बढ़ती सख्ती
मध्य पूर्व के देशों ने हाल के महीनों में अवैध प्रवासियों और गैर-कानूनी गतिविधियों में लिप्त विदेशियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और कतर से आने वाली रिपोर्ट्स के अनुसार, सख्त इमिग्रेशन नीतियों के तहत कई पाकिस्तानी नागरिकों को निर्वासित किया गया।
सऊदी अरब के अधिकारियों ने बताया कि उनके यहां से निर्वासित किए गए 14 लोगों में से कुछ पर अवैध रूप से काम करने और कुछ पर सार्वजनिक स्थानों पर भीख मांगने का आरोप था। यूएई और कतर ने भी इसी तरह के आरोपों के चलते कई पाकिस्तानी नागरिकों को उनके देश वापस भेज दिया।
यूरोपीय और एशियाई देशों ने भी उठाए कदम
केवल मध्य पूर्व ही नहीं, बल्कि यूरोप और एशिया के कुछ देशों ने भी हाल ही में पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई की है। साइप्रस, मलेशिया और इंडोनेशिया जैसे देशों ने भी पाकिस्तानी नागरिकों को निर्वासित किया है। इनमें से कुछ लोगों पर अवैध तरीके से देश में प्रवेश करने और वीज़ा अवधि समाप्त होने के बावजूद वहां रहने का आरोप था।
पाकिस्तानी सरकार की प्रतिक्रिया
इन बढ़ते निर्वासनों के चलते पाकिस्तान की सरकार पर दबाव बढ़ रहा है। विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “हम इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और विभिन्न देशों के साथ बातचीत कर रहे हैं ताकि भविष्य में इस तरह के मामलों को रोका जा सके।”
आगे की राह
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान को अपनी श्रम नीति पर पुनर्विचार करने और प्रवासी श्रमिकों को बेहतर प्रशिक्षण और सही जानकारी देने की जरूरत है। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय कानूनों और वीज़ा नियमों का पालन करने के लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए।
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