चीन की सरकार के सरकारी कागज के लीक हो जाने पर यह मामला उजागर हुआ है कि चेन शियांग प्रांत में मुसलमान अल्पसंख्यकों पर की गई चीन सरकार द्वारा कार्रवाई पर उजागर होने वाले खुलासों से यह पता चला है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सरकारी अधिकारियों को कट्टरपंथी अलगाववाद और चरमपंथ के विरुद्ध जरा भी दया नहीं दिखाने का सख्त आदेश जारी किया है जिसमें की अमेरिका के एक अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक खबर में पता चलता है कि यह जानकारी मानव अधिकार तथा और दूसरे अन्य विशेषज्ञों ने बताया है कि सुदूर पश्चिमी चीन के क्षेत्र में फैले नजरबंदी शिविरों में 10 लाख से अधिक उइगर मुसलमान अल्पसंख्यकों को कैद कर रखा गया है जिसमें चीन में मुसलमानों तथा अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ मामला उजागर हुआ है इनसे शिविरों में सन 2016 के बाद बहुत तेजी से इजाफा होने की खबर मिली है जिसके कारण सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए इन पर यह फैसला लिया है
टाइम्स के द्वारा हासिल किए गए 403 पेज के अंदरूनी दस्तावेज कम्युनिस्ट पार्टी की बेहद गोपनीय विवादास्पद कार्रवाई करने के बारे में अति महत्वपूर्ण विवरण प्रस्तुत किया है किनकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तथा विशेष रुप से अमेरिका ने इसकी कड़ी आलोचना की है तथा अखबार ने सप्ताहांत पर कहा है कि इन दस्तावेजों में राष्ट्रपति के कुछ पूर्व के अप्रकाशित भाषणों के साथ ही कोई कर आबादी पर निगरानी और नियंत्रण को लेकर दिए गए निर्देश रिपोर्ट भी सम्मिलित है
लीक दस्तावेजों से यह भी लगता है कि इस कार्रवाई को लेकर पार्टी के अंदर कुछ असंतोष भी था। अखबार के मुताबिक, ये दस्तावेज चीनी राजनीतिक व्यवस्था से जुड़े एक अनाम शख्स ने लीक किये जिसने यह उम्मीद जताई कि यह खुलासा शी समेत नेतृत्व को बड़े पैमाने पर हिरासत के दोष से बचने से रोकेगा।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, दक्षिणपश्चिम चीन में अल्पसंख्यक उइगर उग्रवादियों द्वारा एक रेलवे स्टेशन पर 31 लोगों की हत्या करने के बाद अधिकारियों को 2014 में दिये गए भाषण में शी ने ‘आतंकवाद, घुसपैठ और अलगाववाद’ के खिलाफ पूर्ण संघर्ष का आह्वान करते हुए ‘तानाशाही के अंगों’ का इस्तेमाल करने और “किभी भी तरह की दया नहीं’ दिखाने को कहा था।
शिनजियांग प्रांत में नए पार्टी प्रमुख चेन कुआंगुओ की 2016 में नियुक्ति के बाद नजरबंदी शिविरों में तेजी से इजाफा हुआ था। एनवाईटी के मुताबिक चेन ने अपनी कार्रवाई को न्यायोचित ठहराने के लिये शी के भाषण की प्रतियां बांटीं और अधिकारियों से अनुरोध किया, ‘हर किसी को पकड़िये जिन्हें पकड़ा जाना चाहिए।’ चीन के विदेश मंत्रालय ने इस मामले में तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की है।