या आप एक परिवार में चार आईएएस-आईपीएस अधिकारियों की कल्पना कर सकते हैं? उमीद है, यह हमारे दिमाग में सिर्फ एक कल्पना है, लेकिन ऐसा हकीकत में हो चुका है। ये कहानी उार प्रदेश के प्रतापगढ़ के मिश्रा परिवार की है। जहां
परिवार के सभी चार भाई-बहनों ने तीन से चार साल के भीतर न केवल यूपीएससी सीएसई परीक्षा िलयर की, बल्कि आईएएस-आईपीएस अधिकारी भी बने। परिवार के मुखिया अनिल मिश्रा अपनी पत्नी के साथ दो कमरे के एक मकान में रहते थे। उनके चार बच्चे हैं। दो बेटे और दो बेटियां। जिनका नाम हैं- योगेश, लोकेश, माधवी और क्षमा। अनिल मिश्रा बतौर मैनेजर ग्रामीण बैंक में काम किया करते थे। इनके सभी बच्चे पढ़ाई में अच्छे थे, ऐसे में बड़े बेटे योगेश ने सिविल सर्विसेज की तैयारी करने का सोचा, जिसके बाद बाकी भाई-बहनों ने भी बड़े भाई की तरह तैयारी शुरू कर दी। योगेश रिजर्व लिस्ट में यूपीएससी सीएसई 2013 में चुने गए थे। इसके बाद माधवी साल 2014 में यूपीएससी की परीक्षा पास की। उनकी 62वीं रैंक आई थी। इस बीच, लोकेश ने यूपीएससी सीएसई 2014 में रिजर्व लिस्ट में अपना नाम भी पाया। चौथे नंबर पर क्षमा हैं, जिन्होंने साल 2015 में यूपीएसी की परीक्षा पास की थी। उनकी 172वीं रैंक आई थी।
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में एक ब्राह्मण परिवार ऐसा भी इसके 4 सदस्य IAS IPS
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