10 हजार लोगो से 10 करोड की ठगी करने वाला शातिर हाइटेक गिरोह का पर्दाफस

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करोडों की ठगी करने वाला शातिर हाइटेक जालसाज गिरोह भोपाल पुलिस की गिरफ्त में 10 हजार लोगों से धोखाधडी करना प्रकाश में आयी है।गिरोह लोन के नाम पर धोखाधडी करता था । धोखाधडी हेतु आरोपियों ने दो कॉल सेंटर खोल रखे थे। गिरोह द्वारा कई फर्जी वेबसाइट भी खोल रखी थी। जनवरी 2020 मैं आवेदक पद्मेश सिंह द्वारा इस तथ्य लेख कर आवेदन पत्र प्रस्तुत किया कि उनके साथ माह दिसम्बर 2019 में www. swiftfinance.in द्वारा पर्सनल लोन देने का झांसा देकर उनके साथ धोकाधडी की गयी है। आवेदन पत्र की जांच के दौरान थाना क्राईम ब्रांच भोपाल में अज्ञात आरोपियो के विरूध अपराध क्रमांक 135/20 की धारा 419,420,467,468,471,120बी भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान प्रकरण में आरोपी 1.डेविड कुमार जाटव 2.नेहा भट्ट 3.मनीषा भट्ट एवं 4.कमल कश्यप(फरार) के नाम ज्ञात हुये जिन्हें नोयडा दिल्ली से भोपाल पुलिस की सायबर क्राईम टीम द्वारा गिरफ्तार किया गया।
डेविड कुमार जाटव इस गिरोह का मुखिया है, जो आईटी कंपनी चलाता है। डेविड कुमार जाटव ने ऑनलाईन वेबसाइट डिजाइनिंग का कोर्स किया है। यह फर्जी वेबसाइट ग्राहको को लोन देने के लिये बनाता था। जिस फर्जी वेबसाइट का ऑनलाईन विज्ञापन गूगल ऐड मे देता था। इस कार्य हेतु उसने नोयडा (उ.प्र.) में कॉल सेन्टर खोल रखे है। जहां 25-30 लडकियों को ऑनलाईन ग्राहको को लोन लिये जाने हेतु फोन करने के लिये रखा गया है। कमल कश्यप(फरार)- यह डेविड कुमार जाटव को ग्राहको से पैसे लेने हेतु फर्जी बैंक एकाउंट सिम कार्ड उपलब्ध कराता था। डेविड कुमार जाटव इसे 50 हजार रूपये प्रति फर्जी बैंक एकाउंट के आधार पर पेमेंट करता था।नेहा भट्ट, डेविड कुमार जाटव की मंगेतर है एवं अगस्त 2018 से यह डेविड कुमार जाटव के साथ काम कर रही है। यह इसकी फर्जी कंपनियों के प्रबंधन का काम देखती है। मनीषा भट्ट, नेहा भट्ट की बहन है एवं डेविड कुमार जाटव की कंपनियों से ग्राहको को फोन करने वाले कॉल सेंटर प्रबंधन का काम देखती है।
आरोपी फर्जी वेबसाइट डेवलप कर इन फर्जी वेबसाइट का गूगल ऐड के माध्यम से विज्ञापन देते थें। जब ग्राहक लोन लेने के लिये अपने पर्सनल जानकारी डालते थे, तब कंपनी के कॉल सेंटर से ग्राहको को लडकियां कॉल करती थी, तथा प्रोसेसिंग फीस, सिक्यूरिटी डिपोजिट, जीएसटी एवं वनटाइम ट्रांजेक्शन के नाम पर अलग-अलग चार्जजेस के नाम परग्राहको से 30-40 हजार रूपये ठग लेते थे। इनके द्वारा प्रत्येक फर्जी वेबसाइट का दो सेढाई माह उपयोग किया जाता था। तदउपरांत फर्जी वेबसाइट को बंद कर देते थे।लोन के लिये बनाई गयी प्रत्येक फर्जी वेबसाइट से औसतन 1000-1200 ग्राहको को यह लोग विभिन्न स्तरों पर ठगते थे।लोगों से पैसे लेने हेतु फर्जी बैंक खातो एवं कॉल करने हेतु जिन सिम कार्डो का यह उपयोग करते थे उन्हें प्रत्येक माह बदल देते थे। ग्राहको को फोन करने हेतु गिरोह द्वारा दो कॉल सेंटर नोयडा (उ.प्र.) में किराये पर ले रखे थे। जिसका 1.50 लाख रूपया मासिक किराया वहन करते थे। जिसमें 25-30 लडकियों को 10-15 रूपये की मासिक वेतन पर इनके द्वारा रखा गया था।फोन करने वाली लडकियां प्रत्येक ग्राहक का रिकार्ड सापट् कॉपी में एक्सल में नोट करती थी। इन एक्सल फाईलों का ऐनालाईसिस करने पर लगभग 08-10 हजार लोगो के साथ ठगी करना ज्ञात हुआ हैं। इन लोगों द्वारा लगभग 10 हजार लोगो से लगभग 10 करोड रूपये की ठगी की गयी है।
6 नग लेपटॉप, 25 नग मोबाईल फोन, 21 नग पेन ड्राइव, 08 नग एक्टिवेटेड सिम कार्ड, 19 नग डेबिट कार्ड, 03 रेंट एग्रीमेंट संबंधी दस्तावेज, 03 वेबसाइट संबंधी दस्तावेज, 01 रजिस्टर, 01 राउटर मय मोडेम मय इंटरनेट कन्वेटर व एक बलेनो कार को आरोपियो से जब्त की गई है

नोट- नोडल अधिकारी- फर्जी वेबसाइट के माध्यम से लोगों के साथ धोखाधडी करने वाले गिरोह के विरूद्ध कार्यवाही हेतु सायबर क्राईम भोपाल पुलिस द्वारा उनि. सुनिल रघुवंशी मोबाईल नम्बर- 8602744849 को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। इस गिरोह द्वारा लोन के नाम पर यदि किसी के साथ धोखाधडी की गयी है, तो वह व्यक्ति नोडल अधिकारी से संपर्क कर सकते है।

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