भोपाल ! हंसिका शास्त्री!! प्रदेश में लोगों कीे जान जाने की एक बडी वजह हैं जहरीली शराब के अवैध कारोबार के चलते प्रशासन का नियंत्रण उस पर नहीं हो रहा हैं उज्जैन कांड को गुजरे अभी ज्यादा वक्त नही हुआ और भिंड, मुरैना और ग्वालियर में जहरीली षराब पीने से दर्जनों लोगों की मौत हो गई। बीते एक साल में करीब 65 लोग जहरीली शराब के कारण मौत का शिकार हो गए। सरकार ने तीन साल में सिर्फ 84 सैंपल की जांच कराई है यह सैंपल करीब 13 जिलों से लिये गए हैं दमोह जिले में से 12 सैंपल लिये गए है जिनमें से 10 मानक स्तर के है और दो की रिर्पोट प्राप्त नहीं है, रायसेन जिले से 8 सैंपल लिए गए है जिनमें से 7 नकली शराब और 1मानक स्तर की है, इंदौर से 1सैंपल लिया गया हैं जो नकली शराब का निकला, धार जिले से 2 सैंपल लिए गए और दोनों नकली शराब के निकले, अलीराजपुर जिले के अलग -अलग जगह से 42 सैंपल लिए जिनमें सिर्फ 8 अमानक स्तर और बाकी मानक स्तर के निकले, छिंदवाडा जिले से 6 सैंपल लिए गए सभी की रिर्पोट अप्राप्त है, बाकी के 13 सैंपल भिंड, राजगढ, जबलपुर, डिंडोरी, सागर, आगर मालवा और खरगौन से से लिए गए जिनमें 9 सैंपल मानक हैं और 4 की रिर्पोट अप्राप्त हैं। इसी के साथ विपक्ष भी सरकार पर तीखे हमले कर रहा है काग्रेंस के वरिस्ठ विधायक डॉ गोविंद सिंह और कार्यकारी प्रदेष अध्यक्ष राम निवास रावत ने पीसीसी में बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि भिंड में शराब उत्तर प्रदेश से आ रही है। 8-10 शराब माफिया मिलकर शराब का अवैध कारोबार कर रहे है और जहरीली शराब बेच रहे है जो लोगों की मौत का कारण बन रही है यह लोग 30-40 गवों में रात को शराब लाते है और कम कीमत पर बेचते हैं 5 से 10 लाख की नकली शराब रोजाना बेची जा रही है।एसपी कलेक्टर सबको ये पता है और इसी शराब के कारण भिंड जिले में सात लोग मौत के मुह में चले गए। पुलिस को बताया लेकिन उनकी तरफ से कोई कार्यवाई नही की गई । 4लोगों का तो पोस्मार्टम ही नहीं होने दिया।अब तक कोई अधिकारी भी म्रतकों के घर नहीं गया।रामनिवास रावत ने कहा कि पूरे मामले की अच्छी तरह से जाँच हो और सरकार जहरीली शराब बेचने वालों के खिलाफ फांसी जैसा कठोर कानून बनाए। माफिया, शासन और प्रशासन का गठजोड ये अवैध कारोबार चला रहा है। थिनर, स्प्रिट और मिथइल जैसा सामान कहां से आ रहा है इसकी भी जांच होनी चाहिए।