कई जिलों में ग्रामीणों ने बिना किसी बाहरी मदद के खुद पाई कोरोना से आजादी पेश की मिसाल

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!! हंसिका शास्त्री !! गांव में बैरियर लगाकर नाकाबंदी कर रहे है। रायसेन जिले का एक गांव ऐसा भी है जहां के लोगों ने बिना किसी बाहरी मदद के बिना कोरोना से आजादी हासिल की।अगर कोई खांसी से प्रभावित है तो वह तत्काल सूचना देंगें। जिससे समय रहते उनका उपचार किया जा सकेगा। वहीं कई जिलों में ग्रामीण खुद भी जागरुकता दिखाकर जनता करफ़्यू लगा रहे हें  आंगनबाडी कार्यकर्ता के अलावा चौकीदार तक इसमे शामिल है। चौकीदार अपने मूलकाम के साथ कोरोना की पेहरेदारी भी करेंगें। इस समय पूरे राज्य में जिस तरह कोरोना संक्रमण बढा है उसने सरकार की चिंता भी बढा दी है। चिंता की बात यह है कि अगर यह संक्रमण गांवो में बढ गया तो हालात बहुत ही नाजुक होंगे इसलिए सरकार ने कोरोनामुक्त गांव पर फोकस करते हुए काम षुरु किया।जिसके लिए सरकार ने त्रिस्तरीय प्रणाली भी अपनाई है इसमें सरपंच द्वारा भी स्वसहायता समूहों को प्रशिक्षण दिया गया है वें ग्रामीणों को प्रशिक्षित कर रहे हैं होम आइसोलेशन के उपाय भी बताए जा रहे है। काढा वितरण कार्यक्रम तथा योग निरोगी कार्यक्रम भी शुरु किए जाएंगे।ग्रामीणों में जनजागरुकता अभियान के साथ लोगों को समझाइश दी जा रही है कि वे बाहर न जाएं।जरुरी हो तो एक-दो व्यक्ति ही जरुरत की सामग्री लेकर आएं अजीविका मिशनभी शुरू किया हे सिवनी में अनखावाडी सहित कई गांव में प्रवेश का रास्ता बंद कर दिया गया है ताकि कोई बाहर का आदमी गांव के अंदर न आ सके।यहां बारी-बारी से गांव के युवा तैनात रहते है गांव के लोगों को पोस्टर के माधयम से भी जागरुक किया जा रहा हैं बुजुर्गों के हालचाल भी पूछते रहते हैं।

 

 

 

 

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