मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में इस वर्ष बारहवीं बोर्ड की परीक्षा नहीं होगी। बच्चों की जिंदगी हमारे लिए अनमोल है। केरियर की चिंता हम बाद में कर लेंगे। इस समय जब सम्पूर्ण देश, प्रदेश तथा बच्चे कोरोना का संकट झेल रहे हैं, ऐसे में परीक्षाओं का मानसिक बोझ डालना उचित नहीं है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंत्रालय से मीडिया को दिये संदेश में यह बात कही। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि 12वीं बोर्ड के परिणाम किस प्रकार आएंगे, यह तय करने के लिए मंत्रियों के समूह का गठन किया गया है। जो विशेषज्ञों से चर्चा करने के उपरांत आंतरिक मूल्यांकन या अन्य आधारों पर रिजल्ट की प्रक्रिया तय करेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बेहतर परिणाम के लिए या परिणाम में सुधार के लिए जो विद्यार्थी परीक्षा देना चाहेंगे उनके लिए विकल्प खुला रहेगा। कोरोना संकट की समाप्ति के बाद इच्छुक विद्यार्थी 12वीं की परीक्षा दे सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 10वीं बोर्ड की परीक्षाएँ नहीं करवाने का फैसला पहले ही लिया जा चुका है। दसवीं के बच्चों का परिणाम आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर घोषित किया जायेगा।