रुद्राक्ष की चाहत में बदहाली से मर रहे लोग

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सीहोर. कुबेरश्वर धाम में रुद्राक्ष महोत्सव में, करीब 17-18  किमी का जाम लगा 7-8 लाख लोग रुद्राक्ष महोत्सव में रुद्राक्ष लेने पहुंचे 9 घंटो मे 3 किमी का सफर हो सका। अनुमान नहीं लगा पाय अफसर हाईवे के अलावा सीहोर भी जाम हो गया | प्रशासन को पहले दिन 2 लाख और शिवरात्र पर 3 लाख लोगों के पहुंचने का अनुमान था, पर 15 फरवरी को ही 5 लाख लोग पहुँच गए | इसके चलते प्रशासन की व्यवस्थाए कम पड़ गई। और वहा सब सामान के दाम 7वे आसमान पर पहुंच गए। और पिछले साल की तरह ही हुआ। इस साल भी भगदड मच गई |और एक बच्चे की मौत सहित 7 लोग लापता हो गए। रुद्राक्ष महोत्सब 16 फरवरी से 22 फरवरी तक था। पर 15 फरवरी को चालु कर-कर 19 फरवरी को बंद करना पड़ा। और भगदड़ मे 1500 से ज्यादा लोग बीमार है। और प. मिश्रा जी बोले की अगर मौत आनी है तो आएगी ही रुद्राक्ष महोत्सव मे जगहा न होने पर लोगो ने शमशान घाट मे देरा दाला लेकिन नही मिले रुद्राक्ष । पैदल चलने वाले लोगो खेतो  की पगडड़ियों से होते कथा स्थल पर पहुचे। धाम पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं शमसन  घाट पर ही अपना डेरा जमा लिया। जिस ओटले पर शव रखा जाता है, उसी पर बैठकर पेड़, की छांव में भोजन भी किया। कुबेरेश्ववर धाम पहुंचने वाले श्रद्धालुओं ने पेड़ की डालियो, बास और बेरिकेट से चादर और साडी बांधकर डेरा जमाया ओर पंडित जी की कथा सुनी। चने का पूरा खेत ही उखाड़ ले गए श्रद्धालु धाम पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं ने एक किसान का पूरा हरे चने का खेत ही खाली कर दिया। खेतो में पहुंचे और पेड़ उखड़ना शुरू कर दिए। किसान रमेश वर्मा ने बताया की लोगों को रोकते उससे पहले ही वो झुड मे आए और चने उखाड़ लीए।

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