चुनाव के ऐन पहले सरकार ने महापौर, नगर निगम आयुक्त और नगरीय निकाय अध्यक्षों को पावरफुल किया है। नगरीय विकास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि महापौर, नगर निगम आयुक्त, मेयर इन काउंसिल और नगर निगम की वित्तीय शक्तियों में वृद्धि की गई है। अन्य नगरीय निकायों के अध्यक्षों, मुख्य नगरपालिका अधिकारियों और नगरीय निकायों की वित्तीय शक्तियों में भी वृद्धि की गई है।
नगर निगम आयुक्त को 5 लाख से अधिक आबादी के नगर में 5 करोड रुपए तक और 5 लाख तक की आबादी के नगर में एक करोड़ रुपए तक की वित्तीय शक्तियां होंगी। महापौर को 5 लाख से अधिक आबादी के नगर में 5 करोड़ से 10 करोड़ रुपए तक और 5 लाख तक की आबादी के नगर में एक करोड़ से 5 करोड़ रुपए तक की वित्तीय शक्तियां होंगी। मेयर इन काउंसिल को 5 लाख से अधिक आबादी के नगर में 10 करोड़ से 20 करोड़ रुपए तक और 5 लाख तक की आबादी के नगर में 5 करोड़ से 10 करोड़ रुपए तक और निगम को 5 लाख से अधिक आबादी के शहर में 20 करोड़ रुपए से अधिक और 5 लाख तक की आबादी के नगर में 10 करोड़ रुपए से अधिक की वित्तीय शक्तियां दी गई हैं।
नगर पालिका
मुख्य नगर पालिका अधिकारी को 5 लाख तक, अध्यक्ष को 5 लाख से 10 लाख तक, प्रेसिडेंट इन कॉउंसिल को 10 लाख से 40 लाख तक, नगरपालिका परिषद को 40 लाख से 5 करोड़ तक, आयुक्त, नगरीय प्रशासन को 5 करोड़ से 30 करोड़ तक और सरकार को 30 करोड़ से अधिक वित्तीय शक्तियां दी हैं।
नगर परिषद
सीएमओ को 2 लाख रुपए तक, अध्यक्ष को 2 लाख से 5 लाख तक, प्रेसिडेंट इन काउंसिल को 5 लाख से 20 लाख तक, नगर परिषद को 20 लाख से 2 करोड़ 50 लाख तक, आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास को 2 करोड़ 50 लाख से 30 करोड़ तक और राज्य सरकार को 30 करोड़ रुपए से अधिक की वित्तीय शक्तियां दी गई हैं।