दवाओं का संकट ऐसा बच्चों को बेहोश किए बिना ही उनकी सर्जरी हो रही है………..

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गाजा के अल अहली बैपटिस्ट अस्पताल जो मंगलवार रात इजराइल के हवाई हमलों की चपेट में आया था। बुधवार सुबह अस्पताल के परिसर में एक लड़की हाथ में तकिया लेकर फूट-फूटकर रोती जा रही थी। दरअसल, यह वही तकिया है, जिसपर मंगलवार रात उसके पिता सिर रखकर सोये ही थे, कि धमाका हुआ और वे मारे गए। अब वह पिता की आखिरी याद तकिये को गले लगाकर रोती जा रही है। इस लड़की की तरह कई फिलिस्तीनी परिवारों ने अल अहली बैपटिस्ट अस्पताल में शरण ली थी। उनको लगा था कि वे अस्पताल में सुरक्षित रहेंगे, लेकिन हवाई हमले में 500 से ज्यादा लोग मारे गए। अल अल्ही अस्पताल में प्लास्टिक सर्जन गासन अबू सित्ता का कहना है कि मैंने तेज धमाका सुना और अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर की छत ही नीचे गिर गई। वे कहते हैं कि इससे पहले कुछ समझ में आता, कई घायल लड़खड़ाते हुए आ रहे थे। चारों तरफ बदहवासी का माहौल था। अबू सित्ता बताते हैं कि मैंने एक आदमी के पैर में रॉड लगाई, जिसकी जांघ टूट गई थी। एक अन्य व्यक्ति पर मलबा गिरने से उसकी गर्दन में गहरा घाव हो गया था, मैंने उसका भी इलाज किया। अल अल्ही अस्पताल में हमले में घायलों को गाजा सिटी के सबसे बड़े अस्पताल अल शिफा में भेजा गया है। वहां का नजारा सबसे भयानक है। अल शिफा अस्पताल गाजा पट्टी के 9 अस्पतालों में सबसे बड़ा है। अस्पताल में ऑपरेशन थिएटर में जगह नहीं है, कई लोगों की सर्जरी जमीन पर ही करनी पड़ रही है। दवाओं का संकट ऐसा है कि एनेस्थिसिया खत्म होने से बच्चों को बेहोश किए बिना ही उनकी सर्जरी हो रही है। अल शिफा अस्पताल के डायरेक्टर मोहम्मद अबू सेल्मिया का कहना है कि हमें दवाएं चाहिए, बेड चाहिए, एनेस्थिसिया चाहिए, हमें सबकुछ चाहिए। अस्पताल के पास जनरेटर चलाने के लिए कुछ ही घंटों का फ्यूल बचा है। वे कहते हैं कि कई लोग अपने पास स्टोर किया हुआ डीजल लाकर अस्पलात को दे रहे हैं। लोगों का कहना है कि हम अंधेरे में रह लेंगे, लेकिन घायलों का इलाज होना चाहिए। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अशरफ अल कादरी का कहना है कि अस्पलात में सिर्फ भीषण चोट वाले लोग ही आ रहे हैं। जिनके सिर फूटे है, जिनके अंग कटे हैं या अंग गायब है वहीं आ रहे हैं। वहीं, दक्षिण गाजा के खान यूनिस शहर में भी घायलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 7 अक्टूबर को इजराइल पर आतंकी संगठन हमास के हमले के बाद 11 दिनों से जारी संघर्ष में इजराइल के 1400 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। इजराइल और कई अन्य देशों के 200 से ज्यादा लोगों को हमास ने बंदी बना रखा है।  गाजा पट्टी में अभी तक 3200 लोगों की मौत हुई है, 11 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। 1200 से ज्यादा लोगों के शव मलबे में दबे हुए हैं। पानी की कमी के चलते लोगों ने अशुद्ध पानी ही पीना शुरू कर दिया है। बीमारी का संकट है। 23 लाख की आबादी वाले गाजा पट्टी के उत्तरी हिस्से में रहने वाले लोगों को इजराइल ने दक्षिण में जाने को कहा है। इनमें से 10 लाख से ज्यादा लोग अपने घर छोड़कर जा चुके हैं। इजराइल ने एक बार फिर लोगों को जाने के लिए कहा है। इजराइल ने कहा है कि अगर कोई मानवीय सहायता दी जाएगी तो वह खान युनिस शहर के पास मिलेगी। मिस्र की सीमा पर स्थित राफेह बॉर्डर क्रासिंग पर राहत सामग्री के कई ट्रक खड़े हैं, जो इजराइल की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं।

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