नेशनल हेराल्ड केस में दिल्ली, मुंबई सहित कई शहरों में ईडी की कार्रवाई 752 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क

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नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी से जुड़ी कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की करीब 752 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क कर ली। कुर्क की गई संपत्ति में दिल्ली और मुंबई में नेशनल हेराल्ड हाउस और लखनऊ में नेहरू भवन शामिल हैं। ईडी नेशनल हेराल्ड के जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही है। ईडी ने यह कार्रवाई ऐसे समय की है, जब चार दिन बाद राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान होना है।ईडी ने बताया कि एजेएल के पास दिल्ली, मुंबई और लखनऊ जैसे शहरों में अवैध आय से अर्जित 661.69 करोड़ की अचल संपत्ति है। इसके अतिरिक्त यंग इंडिया लिमिटेड (वाइआइएल) के पास एजेएल के इक्विटी शेयरों के रूप में 90.21 करोड़ की अवैध संपत्ति है।ईडी ने कहा कि नेशनल हेराल्ड अखबार के प्रकाशक एजेएल व उसकी होल्डिंग कंपनी यंग इंडिया के खिलाफ धन शोधन अधिनियम (पीएमएलए) के तहत संपत्ति कुर्की का अंतरिम आदेश जारी किया गया है। यंग इंडिया द्वारा एजेएल के अधिग्रहण में धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के आरोप हैं। ईडी इस मामले में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और वर्तमान अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से पूछताछ कर चुकी है।2012 में भाजपा के नेता और प्रख्यात अधिवक्ता सुब्रमण्यम स्वामी ने नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीस, पत्रकार सुमन दुबे और टेक्नोक्रेट सैम पित्रोदा के खिलाफ मामला दर्ज कराया। तब केंद्र में कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार थी। सुब्रमण्यम स्वामी ने दावा किया कि वाइएएल ने 2,000 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति और लाभ हासिल करने के लिए गलत तरीके से निष्क्रिय प्रिंट मीडिया आउटलेट की संपत्ति को अधिग्रहित किया। स्वामी ने आरोप लगाया कि वाइएएल ने 90.25 करोड़ रुपए की वसूली के अधिकार हासिल करने के लिए सिर्फ 50 लाख रुपए का भुगतान किया था जो एजेएल पर कांग्रेस पार्टी का बकाया था। यह राशि पहले अखबार शुरू करने के लिए कर्ज के रूप में दी गई थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एजेएल को दिया गया कर्ज अवैध था, क्योंकि यह पार्टी के फंड से लिया गया था।में केंद्र में भाजपा की सरकार आई तो इस मामले की जांच ईडी ने शुरू की। तब इस मामले में सोनिया और राहुल को 19 दिसंबर 2015 को निचली अदालत ने जमानत दे दी थी।2016 में सुप्रीम कोर्ट ने सोनिया-राहुल के खिलाफ कार्यवाही रद्द करने से इनकार कर दिया। हालांकि, सभी पांच आरोपियों को व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, आम आदमी पार्टी (आप) और कुछ ट्रस्टों की याचिकाओं पर सुनवाई 28 नवंबर तक स्थगित कर दी। याचिकाकर्ताओं ने आयकर विभाग द्वारा उनके कर निर्धारण मामलों का स्थानांतरण फेसलैस असेसमेंट के बजाय सेंटर सर्कल को किए जाने के खिलाफ अपील की थी। उनके स्थानांतरण के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई 28 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने पर याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं।2012 में सुब्रमण्यम स्वामी ने नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीस, पत्रकार सुमन दुबे और टेक्नोक्रेट सैम पित्रोदा के खिलाफ मामला दर्ज कराया। तब केंद्र में कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार थी। सुब्रमण्यम स्वामी ने दावा किया कि वाइएएल ने 2,000 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति और लाभ हासिल करने के लिए गलत तरीके से निष्क्रिय प्रिंट मीडिया आउटलेट की संपत्ति को अधिग्रहित किया। स्वामी ने आरोप लगाया कि वाइएएल ने 90.25 करोड़ रुपए की वसूली के अधिकार हासिल करने के लिए सिर्फ 50 लाख रुपए का भुगतान किया था जो एजेएल पर कांग्रेस पार्टी का बकाया था। यह राशि पहले अखबार शुरू करने के लिए कर्ज के रूप में दी गई थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एजेएल को दिया गया कर्ज अवैध था, क्योंकि यह पार्टी के फंड से लिया गया था। 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार आई तो इस मामले की जांच ईडी ने शुरू की। तब इस मामले में सोनिया और राहुल को 19 दिसंबर 2015 को निचली अदालत ने जमानत दे दी थी।2016 में कोर्ट ने सोनिया-राहुल के खिलाफ कार्यवाही रद्द करने से इनकार कर दिया। हालांकि आरोपियों को व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दे दी थी।

 

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