इन दिनों देश में जो घटनाक्रम चल रहा है उसको नजर रखते हुए चारों तरफ से फांसी की मांग जोर पकड़ती जा रही है देश में जो गैंगरेप और बलात्कार की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं उनको देखते हुए सरकार ने फांसी देने का फैसला ले लिया गया है संसद के दोनों सदनों में इस पर चोर की बहस भी जारी है इस सभी घटनाक्रम के दौरान यह बात भी सभी ने स्वीकार कर ली है कि देश में फांसी का कानून तत्काल रुप से लागू कर दिया जाए इसी क्रम में जब फांसी लगाई जाएगी उस दौरान फांसी के फंदे का भी उपयोग होता है तथा उसे तैयार करने के लिए उसे विशेष रूप से बनाया जाता है यह फंदा भारत में केवल एक ही जेल में तैयार किया जाता है भारत की बक्सर सेंट्रल जेल में फांसी के फंदे बनाने का काम किया जाता है और यह काम शुरू भी हो चुका है पिछले 1 हफ्ते से यह काम शुरू कर दिया गया है फांसी के दस्ते बनाए जा रहे हैं और इसका निर्माण करा प्रशासन के उच्च अधिकारियों द्वारा तैयार किया जा रहा है किसी बात पर अधिकारियों द्वारा दिए गए संकेत में यह भी बताया कि अभी तक संडे की मांग किसी भी जेल प्रशासन की ओर से नहीं आई थी हालांकि इसमें कई प्रकार की भ्रांतियां भी उत्पन्न हो रही हैं मगर इस सब के बीच जेल प्रशासन ने फांसी के फंदे बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया है इस कार्य को बक्सर की ही जेल में शुरू कराया गया है
इस प्रकार तैयार कराया जाता है फांसी का फंदा
फांसी के फंदे को तैयार करने में 7200 धागों का उपयोग किया जाता है बक्सर जेल के ही फांसी देने के लिए धंधा भेजा जाता है इस बंदे को तैयार होने में कुशल तकनीक और कारीगरी का उपयोग किया जाता है यह बंदा यहां के कैदी और कारीगर मिलकर तैयार करते हैं इस को तैयार करने में सूत का धागा फेविकोल पीतल का बूट पैराशूट रोग तथा इसी प्रकार के और भी कुछ मिश्रण ओं का तैयार उपयोग किया जाता है जेल के अंदर ही एक पावर लूम मशीन स्थापित की गई है जो कि धागों के गिनती कर अलग-अलग धागों को एकत्रित करती है एक फंदा को तैयार होने में लगभग 7200 धागों का उपयोग किया जाता है मशीन के द्वारा इन धागों के गिनती की जाती है इसके बाद एक अंडे में तैयार होने में 150 किलो तक के भजन को लटका कर देखा जाता है इससे बने फंदे की रस्सी को मुलायम और लचीला रखा जाता है ताकि फांसी के समय इसका सही तरह से उपयोग किया जा सके