मानसून की आहट.. किसान खरीफ फ़सल की तैयारीयों में जुटे.

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बैरसिया।। केरल में मानसून की दस्तक से मध्यप्रदेश में किसानों ने खरीफ़ सीजन की तैयारी शुरू कर दी। बैरसिया विकास खण्ड क्षेत्र में किसान खरीफ फसलों की तैयारी में जुट गए हैं। क्षेत्र के किसानों का कहना है कि इस बार मानसून समय पर आने की उम्मीद है. जिसको देखते हुए किसान अपने खेतों को समतल करने में जुट चुके। किसान बताते हैं कि रवि सीजन की फसलें कटाई के बाद अधिकांश खेतों में गहरी जुताई कर मिट्टी में धूप लगने के लिए छोड़ देते हैं। अब मानसून आने में ज्यादा समय नहीं है। मौसम विभाग अनुमान जता रहा कि 15 से 20 जून तक प्रदेश में मानसून पहुंच सकता है।इसलिए खरीफ़ सीजन की फसलें बुआई की तैयारी कर रहे हैं। बैरसिया क्षेत्र में सोयाबीन,धान मक्का, मूंगफली आदि फसलों को लगाया जाता है जिसमें सबसे अधिक सोयाबीन की फसल किसान लगाते हैं, कुछ इलाकों में धान मक्का मूंगफली व अन्य खरीफ़ सीजन की फसलों की खेती भी की जाती है.अब किसानों ने खेतों में तैयारी के साथ ही अच्छी किस्मों के सोयाबीन,धान मक्का मूंगफली आदि के बीज की तलाश शुरू कर दी। वही सहकारी समितियों एवं बाजारों से खाद का भंडारण भी करने लगे।

अमानक खाद बीज बैचने वाले भी बाजारों में सक्रिय

खरीफ़ सीजन की फसलों के लिए बड़ी मात्रा में किसान खाद बीज की खरीदी करते हैं। ऐसे में नक़ली खाद बीज किसानों को खपाने वाले भी सक्रिय हो जाते हैं जो मोटा मुनाफा कमाने के लालच में किसानों को अमानक बीज और नक़ली खाद बैचने की जुगत में रहते हैं, बिना लाइसेंस धारी बिचोलिए बहार के क्षेत्रों से सोयाबीन बीज सस्ते दामों पर लाकर नई किस्म का बीज बताकर किसानों को महंगे दामों पर बेंचकर मोटा मुनाफा कमा लेते हैं। जो बोवनी करने पर अंकुरित नहीं होता कुछ अंकुरित होता भी है तो वह अच्छा उत्पादन नहीं देता जिससे किसान बड़े नुकसान की ओर चला जाता है। जागरूक किसानों का कहना है कि किसानों को खाद बीज खरीदते समय सावधानी बरतनी चाहिए साथ ही कृषि विभाग को अमानक बीज नक़ली खाद विक्रेताओं पर सख्त निगरानी रखने की जरूरत है

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