कांग्रेस नेता कुंदन मालवीय द्वारा दायर एक चुनाव याचिका में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने खंडवा की मौजूदा विधायक कंचन तनवे पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। अदालत ने विधायक पर यह जुर्माना समय पर नोटिस मिलने के बावजूद कार्यवाही में जानबूझकर देरी करने के प्रयास के लिए लगाया है। न्यायमूर्ति गुरपाल सिंह अहलूवालिया की एकल पीठ ने कहा कि प्रतिवादी विधायक का प्रयास यह मामला विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर पराजित प्रत्याशी कुंदल मालवीय की चुनाव याचिका से संबंधित है। इसके जरिये भाजपा विधायक तनवे के जाति प्रमाण पत्र में गलत जानकारी को आधार बनाया गया है। साथ ही निर्वाचन निरस्त कर नए सिरे से चुनाव कराए जाने पर बल दिया गया है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान विधायक तनवे को हाजिर होना था, लेकिन वे हाजिर नहीं हुईं। लिहाजा, हाई कोर्ट ने सख्ती बरतते हुए जुर्माना लगा दिया।उनका कुतर्क यह रहा कि 23 अप्रैल, 2024 को हाई कोर्ट द्वारा जारी नोटिस उन्हें आठ मई को प्राप्त हुआ। जबकि इससे पूर्व ही छह मई को हाई कोर्ट ने 13 मई को हाजिर होने का एकपक्षीय आदेश पारित कर दिया। वास्तविकता यह है कि भाजपा विधायक को हाई कोर्ट से भेजा गया नोटिस 27 अप्रैल को ही प्राप्त होे गया था, जो उनके नजदीकी से हस्तगत किया था। उनका कुतर्क यह रहा कि 23 अप्रैल, 2024 को हाई कोर्ट द्वारा जारी नोटिस उन्हें आठ मई को प्राप्त हुआ। जबकि इससे पूर्व ही छह मई को हाई कोर्ट ने 13 मई को हाजिर होने का एकपक्षीय आदेश पारित कर दिया। वास्तविकता यह है कि भाजपा विधायक को हाई कोर्ट से भेजा गया नोटिस 27 अप्रैल को ही प्राप्त होे गया था, जो उनके नजदीकी से हस्तगत किया था।
एमपी हाईकोर्ट ने खंडवा भाजपा विधायक पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया
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