ऐसी उम्मीद है कि 5 अगस्त को ही सरकार इसे संसद में लाने जा रही है। इस नए बिल में किसी जमीन को अपनी संपत्ति यानी वक्फ की संपत्ति बताने वाली पावर पर रोक लगेगी। शुक्रवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में वक्फ कानून से जुड़े 40 संशोधनों पर चर्चा के बाद इसे मंजूरी दे दी गई। प्रस्तावित बिल में मौजूदा कानून से जुड़े कई क्लॉज हटाए जा सकते हैं। जब कोई व्यक्ति अल्लाह या इस्लाम के नाम कोई संपत्ति या वक्फ की संपत्ति बताने वाली पावर पर लगेगी सकती है रोक
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में वक्फ कानून से जुड़े 40 संशोधनों पर चर्चा के बाद इसे मंजूरी दे दी गई अगर कोई पैसा दान देता है तो उसकी देखरेख वक्फ बोर्ड करता है। देश में अभी 32 स्टेट वक्फ बोर्ड हैं। एक सेंट्रल वक्फ बोर्ड भी है। 2013 में यूपीए सरकार ने 1995 के मूल वक्फ एक्ट में बदलाव क्रके बोर्ड की शक्तियों में इजाफा किया था। गौर हो कि वक्फ बोर्ड देशभर में जहां भी कब्रिस्तान की घेरेबंदी करवाता है, उसके आसपास की जमीन को भी अपनी संपत्ति करार दे देता है। इन मजारों और आसपास की – जमीनों पर वक्फ बोर्ड का कब्जा हो जाता है। चूंकि 1995 का वक्फ एक्ट कहता है कि अगर वक्फ बोर्ड को लगता है कि कोई जमीन वक्फ की संपत्ति है तो यह साबित करने की जिम्मेदारी उसकी नहीं, बल्कि जमीन के असली मालिक की होती है कि वो बताए कि कैसे उसकी जमीन वक्फ की नहीं है। 1995 का कानून यह जरूर कहता है कि किसी निजी संपत्ति पर वक्फ बोर्ड अपना दावा नहीं कर सकता, लेकिन यह तय कैसे होगा कि संपत्ति निजी है?
नरसिम्हा राव सरकार में बढ़ी थी वक्फ बोर्ड की शक्तियां
1954 में वक्फ बोर्ड का गठन हुआ। हालांकि, 1995 के संशोधन से वक्फ बोर्ड को असीमित शक्तियां मिलीं। पीवी नरसिम्हा राव की कांग्रेस सरकार ने वक्फ एक्ट 1964 में संशोधन किया और बार-नार प्रावधान जोड़कर वक्फ बोर्ड को असीमित शक्तियां दे दी।