भाई-बहन के स्नेह का पर्व 19 अगस्त को विशेष योग संयोगों के बीच मनाया जाएगा। ज्योतिषविदों के अनुसार 30 वर्ष बाद बना विशेष योग भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूत चनाएगा। श्रावण मास की पूर्णिमा पर आने वाले इस पर्व पर रवि और शोभन योग के साथ ही श्रवण व चनिष्ठा नक्षत्र का महासंयोग बनेगा तथा सावन का अंतिम सोमवार भी बहेगा। ऐसे में भाइयों पर आने वाली सभी बाधाएं दूर होंगी और उन्हें आरोग्य होने का वरदान भी मिलेगा।
भद्राकाल में रक्षासूत्र बांधना शुभ नहींः ज्योतिषाचार्य पंडित रामजीवन दुवे ने बताया कि सभी योग मिलकर इस दिन को बेहद शुभ बना रहे हैं। 8 अगस्त को रात 3:05 बजे से नेकर 19 अगस्त की दोपहर 1:30 बजे तक भद्रा रहेगी। भद्रा काल में क्षा सूत्र बांधना शुभ नहीं रहेगा। भद्रा बालकर अपराह्नकाल, प्रदोष काल में
इस माह कई तीज-त्योहार, नौ को मनेगी नागपंचमी
इन दिनों सावन माह के चलते शिव आराधना में शहरवासी लीन है। आगामी दिनों में नागपंचमी, रक्षाबंधन, श्रीकृष्ण जन्माष्टी सहित अन्य तीज- त्योहार आएंगे। इसे शहर रौनक रहेगी। शहर में श्रद्धा भक्ति के साथ- साथ उत्सवी माहौल देखने को
मिलेगा। सावन माह के आगामी तीन सोमवार को शिवालयों में विशेष पूजा अर्चना होगी। इस माह पड़ने वाले ती त्योहारों में सात अगस्त हरियाली
दोपहर 1:48 से शाम 4:22 बजे तक और शाम 657 से लेकर रात 9:10 बजे तक कुल तीन घंटे 47 मिनट का समय राखी बांधने के लिए रहेगा। चार वर्ष बाद सावन के सोमवार को पर्कः ज्योतिषाचार्य विनोद गौतम ने बताया कि शास्त्रानुसार होलिका दहन और रक्षाबंधन का पर्व भद्रा में मनाना वर्जित है। सर्वार्थसिद्धि योग में किए
तीज, नौ अगस्त नागर्थचमी, 11 अगस्त भानु सप्तमी, 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस और पुत्रदा एकादशी 17 अगस्त प्रदोष व्रत, 19 अगस्त रक्षाबंधन, 20 अगस्त भुजरिया, 24 अंगस्त गोगा पंचमी, 25 अगस्त हलषष्ठी, 26-27 अगस्त जन्माष्टमी, 27 अगस्त गोगा नवमी, 29 अगस्त एकादशी व्रत, 30 अगस्त गोवत्स द्वादशी और 31 अगस्त प्रदोष व्रत शामिल है।
गए सभी कार्य सफल होते हैं। रवि योग सूर्यदेव से जुड़ा है और यह व्यक्ति को बल, स्वास्थ्य और मान- समान दिलाता है। शोभन योग सभी प्रकार के शुभ कार्यों के लिए अच्छा माना जाता है। साथ ही श्रवण नक्षत्र ज्ञान, बुद्धि और सौभाग्य का प्रतीक है। यह चारों योग 19 अगस्त की सुबह से लेकर रात तक रहेंगे।