पी चिदंबरम को10,000 करोड़ के एक और भ्रष्टाचार के मामले में अदालत ने 4 हफ्तों में जवाब मांगा

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63 मून्स टेक्नोलॉजी के भ्रष्टाचार में अदालत द्वारा पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को 42 में जवाब देने को कहा गया है इस कंपनी के द्वारा हुए गए  10000 करो रुपए का हर्जाना मामले में महाराष्ट्र के मुंबई हाई कोर्ट ने पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम तथा उनके सहयोगी रहे दो वरिष्ठ अधिकारियों को अगले 4 हफ्तों में जवाब देने को आदेशित किया है कंपनी के वकील विश्वनाथन अय्यर ने यह बताया कि चिदंबरम और उनके दो सहयोगी रहे उच्च अधिकारी केपी कृष्णन और रमेश अभिषेक अदालत के द्वारा दिए गए 8 हफ्ते के समय में हलफनामा दायर करने में असफल रहे हैं इनकी ओर से अभी तक अदालत में किसी भी नोटिस की प्रस्तुति नहीं हुई है जस्टिस एके मेनन ने तीन से चार हफ्तों में जवाब देने को निर्देशित किया है तथा कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर जवाब नहीं दिया जाता है तो और वक्त नहीं दिया जाएगा और इनकी गैरमौजूदगी में सुनवाई जारी कर दी जाएगी तथा आगे कोर्ट ने यह भी कहा है कि 22 अक्टूबर को तीनों को 8 हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया था जिसका अभी तक इन लोगों द्वारा कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया

पी चिदंबरम और उनके सहयोगियों पर 63  मून्स टेक्नोलॉजी (पूर्ववर्ती फिनांशियल टेक्नोलॉजी लिमिटेड)नामक कंपनी का इन तीनों पर यह आरोप है कि कांग्रेस शासनकाल में सरकार में रहे वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने एनएसईएल से जुड़े 5600 करोड रुपए के भ्रष्टाचार के घोटाले में दुर्भावनापूर्ण तरीके से कार्रवाई की गई थी

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