
नीमच, मध्य प्रदेश | मानव शास्त्री नीमच में रविवार की रात एक अकल्पनीय और दर्दनाक घटना घटी। एक प्रमुख जैन मंदिर में सो रहे तीन जैन संतों पर कुछ दरिंदों ने धारदार हथियारों से जानलेवा हमला कर दिया। यह हमला उस समय हुआ, जब मंदिर के भीतर शांति और आस्था का माहौल था, और संत गहरी नींद में थे। इस हमले ने ना केवल संतों के जीवन को खतरे में डाला, बल्कि समूचे जैन समाज को हिलाकर रख दिया। रात के लगभग 2 बजे के आस-पास, जब पूरा शहर नींद में डूबा हुआ था, तभी अज्ञात हमलावरों ने मंदिर की दीवार को फांदकर अंदर प्रवेश किया। संतों पर धारदार हथियार से ताबड़तोड़ वार किए गए, जिससे उनकी चीखें सुनकर मंदिर में सो रहे अन्य लोग जाग गए। हमलावरों का लक्ष्य न केवल संतों की जान लेना था, बल्कि संभवत: मंदिर की सुरक्षा और आस्था को चुनौती देना था। घायल संतों को तुरंत पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत गंभीर बताई गई। इस घटना ने न केवल नीमच बल्कि पूरे प्रदेश में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है। घटना की सूचना मिलते ही नीमच पुलिस प्रशासन तुरंत सक्रिय हो गया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि प्रारंभिक जांच में हमलावरों के एक आपराधिक गिरोह से जुड़े होने के संकेत मिले हैं, लेकिन इस मामले की गहराई से जांच की जा रही है। नीमच के एसपी अमित तोलानी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हमलावरों ने मंदिर के अंदर जाकर न केवल धार्मिक भावना पर हमला किया, बल्कि आम जनता की सुरक्षा को भी खतरे में डाला। हम कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेंगे और आरोपियों को सख्त सजा दिलवाएंगे।” घायल संतों में से एक की हालत नाजुक बनी हुई है और उसे अस्पताल में भर्ती कर दिया गया है। अन्य दो संतों की हालत स्थिर है, लेकिन सभी संतों को मानसिक और शारीरिक आघात पहुंचा है। उनके स्वास्थ्य की स्थिति पर डॉक्टरों की पूरी टीम लगातार निगरानी रखे हुए है। इस हमले के बाद जैन समाज में भारी गुस्सा और आक्रोश देखा जा रहा है। सोमवार को नीमच शहर के विभिन्न हिस्सों में जैन समाज ने विरोध प्रदर्शन किए और प्रशासन से दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। अशोक जैन, जैन समाज के अध्यक्ष ने कहा, “हमारी आस्था और शांति पर यह हमला अस्वीकार्य है। हम प्रशासन से अपील करते हैं कि इस मामले में कड़ी से कड़ी सजा दी जाए और दोषियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।” इस घटना ने नीमच शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने सख्त कदम उठाने की योजना बनाई है। पुलिस प्रशासन ने इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है और धार्मिक स्थलों पर सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। यह हमला केवल तीन संतों पर नहीं, बल्कि समग्र धार्मिक और सामाजिक सौहार्द पर हमला था। जब धर्म के प्रतीक और अहिंसा के मार्ग पर चलने वाले संत भी सुरक्षित नहीं हैं, तो समाज की सुरक्षा और भविष्य को लेकर गंभीर चिंताएं उत्पन्न होती हैं। इस घटना ने नीमच ही नहीं, पूरे मध्य प्रदेश में लोगों के मन में सुरक्षा और धर्म के प्रति आस्था को लेकर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं।
