
||ग्वालियर/दिल्ली|| केरल की पहाड़ियों में उगने वाली इलायची के दानों का स्वाद देशभर की रसोईयों में बसा है, लेकिन अब यही इलायची व्यापारियों के लिए कड़वी हकीकत बन गई है। ग्वालियर में सक्रिय एक सिंडिकेट ने ‘फ्यूचर सौदों’ के नाम पर अवैध सट्टा कारोबार का ऐसा जाल रचा कि दिल्ली, जयपुर, मुंबई और खुद ग्वालियर के सैकड़ों व्यापारी करोड़ों रुपये के घाटे में फंस गए हैं। इलायची और डोडा जैसे मसालों के कारोबार में वायदा सौदों की आड़ में करोड़ों के लेन-देन की स्क्रिप्ट रची गई — न माल की डिलीवरी हुई, न पैसे का लेन-देन वास्तविक था। डायरी और पर्चियों पर हुए सौदों ने पूरे बाजार को अपनी गिरफ्त में ले लिया। ग्वालियर के थोक मसाला मंडी में सिंडिकेट ने जबरदस्ती ‘रेट’ थोप दिए — बाजार में इलायची का भाव 3000 रुपये प्रति किलो था, लेकिन फ्यूचर सौदा दर सिर्फ 2200 रुपये किलो पर खोला गया। अब जब व्यापारी ने डिलीवरी माँगी, तो जवाब मिला — “खराब माल मिलेगा, लेना है तो लो। नहीं लेना है, तो नुकसान भरो।” व्यापारियों ने बताया कि सौदे के वक्त जो वादा हुआ था, उस पर न कोई खड़ा है और न कोई भुगतान करने को तैयार। सिंडिकेट जबरन पैसे वसूलने की कोशिश कर रहा है। जयपुर और दिल्ली के कई थोक व्यापारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं। ग्वालियर और शिवपुरी के व्यापारियों ने बताया कि फोन पर यह कहा जा रहा है| > “ज्यादा बोले तो बच्चों को जहर खिला देंगे… तीन लाख दे दो, बाकी बाद में देखेंगे…” एक व्यापारी का बयान रोंगटे खड़े कर देने वाला था: > “चार पुड़िया जहर की ले आया हूं… रोज फोन आता है… हम कहते हैं, जिंदा रहे तो पैसे देंगे… जिंदगी में ऐसा वक्त नहीं देखा।” बीते सप्ताह शिवपुरी में एक बड़े मसाला व्यापारी ने आत्महत्या कर ली। सूत्र बताते हैं कि उसके ऊपर सट्टेबाजों का करोड़ों रुपये का दबाव था। परिवार की मानें तो लगातार धमकियां और वसूली की वजह से उन्होंने यह कदम उठाया। हालात ऐसे हैं कि व्यापारी पुलिस के पास गए लेकिन कार्रवाई न के बराबर हुई। जयपुर, ग्वालियर और दिल्ली के व्यापारी इस पूरे नेटवर्क की CBI जांच की मांग कर रहे हैं। एक व्यापारी ने कहा: > “ये कोई मामूली मसले नहीं हैं। पूरे देश का मसाला व्यापार बर्बाद हो सकता है। अभी भी सरकार और एजेंसियों ने ध्यान नहीं दिया, तो इसका असर खाद्य सुरक्षा से लेकर जीएसटी राजस्व तक पर पड़ेगा।” व्यापारियों ने सामूहिक प्रेस वार्ता की योजना बनाई है, जिसमें देशभर के मसाला एसोसिएशन को जोड़ा जाएगा। साथ ही एक जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करने की भी तैयारी हो रही है। केरल की पहाड़ियों से शुरू हुआ इलायची का सफर अब ग्वालियर की मंडियों में अटक गया है — जहां स्वाद नहीं, सट्टा बिक रहा है। व्यापारी बर्बाद हो रहे हैं और जवाबदेही कोई लेने को तैयार नहीं। यह सिर्फ मसाले का मामला नहीं, यह भरोसे के व्यापार की बर्बादी है।
