लोकसभा में संसद की कार्यवाही के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के आसन के करीब आकर हंगामा कर रहे लोगों को उनकी असभ्य व्यवहार क्रिया करने के विरुद्ध लोकसभा अध्यक्ष को बनाने शक्ति से कदम उठाते हुए कड़ा रुख अख्तियार कर लिया लोकसभा की कार्यवाही के दौरान लोकसभा के अध्यक्ष के आसन के सामने बने बेला में घुसकर हंगामा और उपद्रव करने के मामले में लोकसभा के अध्यक्ष ने सख्त रुख अपनाते हुए हंगामा करने के आरोप में 2 सांसदों को 1 दिन की औपचारिकता के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित करने के बाद अन्य दलों के विभिन्न नेताओं के साथ बैठक के दौरान अध्यक्ष ओम बिरला ने स्पष्ट रूप से सभी को य बताया कि सदन की कार्यवाही के दौरान सदन की गरिमा का ध्यान रखना आपका कर्तव्य है इसका पूरी ईमानदारी और जवाबदारी से पालन करना आपका धर्म बनता है क्योंकि जनता ने आपके लिए चुनकर यहां उनके समस्याओं का निराकरण करने के लिए सरकार में अपनी बात रखने के लिए भेजा है और आप इस अभद्र व्यवहार करके उनके विश्वास को ठेस नहीं पहुंचा सकते इस बात का आपको ही ख्याल रखना है इसका पालन आपको पूरी इमानदारी से करना चाहिए
कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सफाई पेश की
असल में सर्जन के हंगामे और कार्रवाई को मंगलवार तक के लिए स्थगित किए जाने के बाद भी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अन्य कई दलों के नेताओं के साथ बैठक की पता कांग्रेस की ओर से सदन में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष से कहा कि लंबे समय से सदन की कार्रवाई इसी तरह से चलती रही है संसद कार्रवाई के दौरान नारेबाजी करते हैं और प्लेकार्ड भी लहराते हैं उनके अनुसार कांग्रेस के सदनों ने कुछ ऐसा नहीं किया जिसके कारण उनका निलंबित किया जाए
इसके विपरीत लोकसभा अध्यक्ष ने पुनः सांसदों को चेताया
कांग्रेस की ओर से सफाई पेश करने के बाद भी सख्त रुख अख्तियार करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने रुख पर कायम रहते हुए पुनः इस बात को बताया और स्पष्ट कर दिया कि पहले लोकसभा में जैसा भी चलता रहा हो मगर अब आप को अनुशासन में रहना ही होगा पहले किसी भी तरह से असभ्यता और अभद्र व्यवहार स्वीकार कर लिया जाता हो मगर अब आपको अनुशासन के बीच ही रहना होगा इस पर आप ही का सम्मान और विश्वास जनता ने कायम रहेगा सदन को नियम अनुसार चलाना आपकी भी जवाबदारी है इसका आपको पूर्ण ईमानदारी से पालन करना चाहिए
5 साल के निलंबन के लिए अपना रुख स्पष्ट किया लोकसभा अध्यक्ष ने
लोकसभा अध्यक्ष अपनी बात पर कायम रहते हुए उन्होंने पुनः इस बात को दोहराया कि अभी तो फिलहाल 1 दिन के लिए सांकेतिक निलंबन किया है अगर इसके बाद भी सांसद अनुशासन का पालन नहीं करते हैं और अगर दोबारा इसी तरह के किसी असभ्यता में लिप्त पाए जाते हैं तो उनका आगामी 5 साल के लिए भी निलंबित किया जा सकता है लोकसभा अध्यक्ष को पहला अपने इस फैसले पर अडिग रहें बताया जाता है कि उन्होंने यहां तक कह दिया कि फिलहाल तो हंगामा करने वाले दोनों सांसदों को एक दिन के लिए ही निलंबित किया गया है, लेकिन आगे वे पूरे पांच साल के लिए ऐसे सांसदों को निलंबित करने पर भी विचार कर सकते हैं।