जामिया विश्वविद्यालय में हुई पुलिस के द्वारा तथा नागरिकता संशोधन बिल को लेकर इन दिनों विपक्षी दल मोदी सरकार के विपक्ष में एकजुट होने का लगातार प्रयास कर रहे हैं मगर ऐसा हो पाना संभव नहीं लग पा रहा है सोमवार को मोदी सरकार के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस सहित 6 दलों के बड़े नेताओं ने प्रेस वार्ता कर जामिया विश्वविद्यालय की पुलिस द्वारा छात्रों पर किया गया लाठीचार्ज और नागरिक संशोधन बिल के विरोध में मोदी सरकार को घेरने का प्रयास किया गया मगर इस प्रेस वार्ता में खास बात यह रही की कुल 6 नेताओं में भी सभी एकमत नहीं रह सके और कांग्रेस के ही 2 बड़े नेता इस मुद्दे पर अलग-अलग खड़े दिखे
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने जब कहा कि हम वचन देते हैं कि यह मामला अब रुकने वाला नहीं है और हम देश भर में घूम-घूम के देशव्यापी आंदोलन को खड़ा करेंगे और हम देशभर में मोदी सरकार के खिलाफ करे गए इन कार्यों की जोकि नागरिकता संशोधन बेल और जामिया विश्वविद्यालय में हुई पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ हम देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे
तथा वही प्रेस वार्ता के अंत में जब कांग्रेस के दूसरे दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद से देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के बारे में पूछा गया तो आजाद कपिल सिब्बल के उस बयान से अलग दिखे और गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हम साइलेंट प्रोटेस्ट करेंगे जोकि शांतिप्रिय ढंग से संचालित किया जाएगा और इसमें किसी प्रकार की बड़ी रैलियां जलसा करने का इंकार किया है