महाराष्ट्र में शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन से सरकार बनाने के बाद सबसे पहला कदम यह उठाया की महाराष्ट्र के गरीबों और जरूरतमंद लोगों के लिए सबसे पहले उन्होंने खाने की योजना का कैबिनेट में प्रस्ताव रखा और उसे मंजूरी भी दे दी अब महाराष्ट्र में सिर्फ ₹10 में शिव भोजन गरीबों को दिया जाएगा इस योजना के तहत ₹10 में गरीबों को भरपेट खाना खाने के लिए एक थाली दी जाएगी इस थाली का नाम महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार ने शिव भोजन रखा गया है महाराष्ट्र के गेस्ट हाउस में हुई महाराष्ट्र सरकार की कैबिनेट बैठक में मंगलवार को इस योजना की मंजूरी प्रदान की गई तथा महाराष्ट्र सरकार का यह कार्य सराहनीय कार्य माना जा रहा है और इसकी हर वर्ग अनुशंसा भी कर रहा है इस योजना में महाराष्ट्र सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए 3 माह के लिए 6 करोड़ 68 लाख का खर्च होना माना जा रहा है एसडीम प्रोजेक्ट के पहले चरण में महाराष्ट्र राज्य के हर जिले एवं तहसील मुख्यालयों में इस योजना को शुरू किया जाएगा जिसमें एक स्थान पर 500 थाली भोजन की व्यवस्था की जाएगी इस योजना का अच्छा क्रियान्वयन होने के बाद इसे अन्य स्थानों पर भी शुरू किया जा सकता है जल्द ही इसका अन्य स्थानों पर भी विस्तार किया जाना संभव माना जा रहा है
अभी इस योजना की शुरुआत जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में एक समिति को बनाया जाएगा तथा तहसील मुख्यालयों पर इस योजना को तहसीलदार को कमेटी बनाकर संचालित करना होगा गरीब और जरूरतमंदों को उनके इलाके में इस योजना का संचालन किया जा सकता है गरीबों और मजदूरों के इलाके में जिसे अस्पताल बस स्टैंड रेलवे स्टेशन यह इसी तरह के गरीबों के रिहायशी इलाकों में भी इस योजना का संचालन होना माना जा रहा है जिससे कि जरूरतमंदों तक सरकार की इस योजना का पूरा पूरा लाभ प्राप्त हो पाए
इस सारी योजना पर देखरेख के लिए सर्वप्रथम प्रदेश स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति बनाई जाएगी तथा यह समिति सभी तरह के विकल्पों पर कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध होगी तथा इसी के साथ ही योजना के अगले चरण में इस पर आगे कार्रवाई हो सकेगी तथा आगे यह एनजीओ या अन्य जनता की संस्थाओं को इस योजना को संचालित करने के लिए विकल्प के रूप में भी तलाशा जा रहा है तथा इस योजना में आगे जनता की भागीदारी भी सुनिश्चित की जा सकती है जिससे यह योजना सिर्फ सरकार तक ही नहीं जनता के बीच पहुंचकर जनता की जवाबदेही से इस योजना का संचालित स्थाई रूप से किया जा सके