नागरिकता कानून के विरोध के चलते देश के कुछ हिस्सों में इन दिनों हो रहे आगजनी उपद्रव तांडव से क्या हिंदू या मुसलमान सभी हैं परेशान इसी सब के चलते हुए उत्तर प्रदेश के कानपुर के पास बाकरगंज में एक हिंदू मुसलमान एकता की अनोखी मिसाल सामने आई है जिसमें जातिवाद से ऊपर उठकर कुछ युवकों ने अपनी जान जोखिम में डालकर हिंसा करने वाले उपद्रवी मुसलमानों से अपने बीच रहने वाले एक मुस्लिम परिवार की शादी समारोह की सुरक्षा हिंदू युवकों ने अपनी जान को जोखिम में डालकर लगभग 50 लोगों ने एक सुरक्षा घेरा बनाया और जिसके बीच मुस्लिम शादी को सड़क शादी जिससे सकुशल शादी संपन्न हो पाई
इन दिनों उत्तर प्रदेश के कानपुर में हर जगह हिंसा और उपद्रव का दौर लगभग अधिकतर जगहों पर चल रहा है जिसके बीच कानपुर के लिए वकार गंज में एक मुस्लिम परिवार की बेटी जिसकी उम्र 25 साल की नाम जीनत की शादी उत्तर प्रदेश के ही प्रतापगढ़ के हंसने फारुकी के साथ होना मुकर रही थी तथा 21 दिसंबर को बाकरगंज में ही बारात को आना था मगर उत्तर प्रदेश का माहौल तो बहुत ही खराब दंगाइयों ने कर रखा था जिसके कारण शादी में डर का माहौल बना हुआ था कोई बाहर निकलने को भी तैयार नहीं था भारत निकलने की ही कुछ देर पहले नागरिकता कानून के विरोध में जगह-जगह हिंसा और आगजनी की घटना से कई लोगों की मौत भी हो चुकी थी और माहौल बहुत ही खराब तनावपूर्ण था जिसके कारण हसनैन फारुकी ने 21 दिसंबर को भी लड़की वालों के घर पर फोन किया और बताया कि हमें हमारी तरफ को कर्फ्यू वाले एरिया में उपद्रवियों ने सड़क पर हर जगह मारकाट मचा रखी है ऐसे में 12 कैसे पहुंच पाएगी तथा इन्हीं चर्चाओं के बीच वाजिद फजल ने सोचा कि इस शादी को रोक देना ही सही होगा ऐसे में उनके पड़ोस में रहने वाले पड़ोसी विमल जाने उनकी बातों को सुन लियातथा इसके बाद विमल ने उनकी मदद करने की इच्छा जाहिर की विमल और अपने दोस्त सोमनाथ तिवारी और नीरज तिवारी से मिली तथा उन्होंने अपने अन्य दोस्तों को भी यह बात बताई इस तरह से लगभग 50 लोगों की टीम खड़ी कर ली और विमल ने लड़की के चाचा को बताया कि हम भारत को सुरक्षा घेरा बनाकर सुरक्षित जी हां लाएंगे फिर इसके बाद लगभग 1 किलोमीटर दूर से ही उन युवकों ने बारात को अपने सुरक्षा घेरे में ले लिया और जीनत के घर तक दंगाइयों से बचाकर कड़ी सुरक्षा में दुल्हन के घर ले आए