राजस्थान में 48 घंटे में 10 बच्चों की मौत हो जाने पर सीएम गहलोत बोले देशभर के अस्पतालों में तीन चार मौतें रोज होती है या कोई नई बात नहीं

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राजस्थान के कोटा में पिछले दिनों में 48 घंटे में 10 नवजात बच्चों की अचानक मृत्यु हो गई है इस मामले में राजस्थान प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत में बड़ा ही शर्मनाक बयान दिया है मुख्यमंत्री मीडिया से बात करते समय अचानक शनिवार को उन्होंने कुछ ऐसा कह दिया जोकि किसी एक संवैधानिक पद पर बैठे इंसान के लिए काफी शर्मनाक बयान हो सकता है शनिवार को मीडिया द्वारा पूछे गए अस्पताल में 10 नवजात  बच्चों की अचानक मृत्यु हो जाने पर उनसे सवाल किया कि अस्पताल में बच्चों की जाने कैसे चली गई और इसकी भरपाई अब कैसे की जाएगी तो इस पर जवाब देते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अरुण गहलोत ने कुछ अलग ही आंकड़े बनवाना शुरू कर दिए उन्होंने बताया कि पिछले 6 सालों में इस साल सबसे कम मृत्यु हुई है तथा उन्होंने इसके अलावा भी एक दवा और किया है कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल में कुल 900 लोगों की मौत हुई है मुख्यमंत्री  अशोक गहलोत अस्पताल में हुई बच्चों की मौतों को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए यह भी कहा है कि किसी की भी मृत्यु हो जाना दुर्भाग्यपूर्ण की बात है मगर आंकड़े बताते हुए उन्होंने यह भी बताया कि यह आंकड़ा 1400 के पार का है तथा इस साल कुल मृत्यु 90 मुख्यमंत्री के इस बयान से क्या प्रतीत होता है मगर इस तरह के बयान एक संवैधानिक पद पर बैठे हुए मुख्यमंत्री के लिए बड़े ही शर्मनाक बयान के रूप में देखा जा सकता है

मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक इस वर्ष 900 मौतें हुई हैं हालांकि वह नहीं होना चाहिए देश प्रदेश के अंदर हर दिन अस्पताल में तीन चार मौतें होना सामान्य बात है टीम ने कहा कि इसके लिए उन्होंने जांच कराई है और निर्देश भी दे दिए हैं उन्होंने कहा कि अपनी सरकार के पिछले कार्यकाल में उन्होंने अस्पतालों के ऑपरेशन थिएटर को लंबे समय के बाद आधुनिकरण कराया था जैसा कि कोटा के जेकेलोन मातृ एवं शिशु चिकित्सालय में 10 बच्चों की अचानक मृत्यु हो गई है इस महीने इसी अस्पताल में कुल 77 बच्चों की मृत्यु हो चुकी है कोटा के जेके लोन अस्पताल में इस महीने 70 से ज्यादा बच्चों की मृत्यु हो जाने पर पी सरकार पर सवालिया निशान उठाए जा रहे हैं

जब  कोटा के ही अस्पताल में 2 दिन में 10 बच्चों की मृत्यु हो जाना भी चिंता का विषय माना जा रहा है अस्पताल ने यह भी दावा किया है कि 23 और 24 दिसंबर को किन पांच नवजात शिशुओं की मृत्यु हुई थी वह सिर्फ 1 दिन के ही थे तथा उन्हें भर्ती करने के लिए कुछ ही घंटे के अंदर उन्होंने आखिरी सांस ले ली तथा पर इंफेक्शन के बीमार भी बताई जा रहे हैं

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