मध्यप्रदेश के पूर्व कांग्रेस के मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने फिर एक टि्वटर पर सरकार को सलाह देने का काम किया है दिग्विजय सिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट से कहा है
रामलला के मंदिर का निर्माण शासकीय कोष से नहीं होना चाहिये विश्व का हर हिंदू भगवान राम को ईश्वर का अवतार मानता है और मंदिर निर्माण में सहयोग करेगा। विहिंप ने मंदिर निर्माण में जो चंदा उगाया वो उसे अपने पास रखें और उसका उपयोग समाज की कुरीतियों को समाप्त करने में ख़र्च करें।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) January 5, 2020
रामालय ट्रस्ट में सभी शंकराचार्य और रामानन्दी सम्प्रदाय से जुड़े अखाड़ा परिषद के सदस्य ही हैं और जगदगुरू स्वामी स्वरूपानंद जी सबसे वरिष्ठ होने के नाते उसके अध्यक्ष हैं। रामालय ट्रस्ट के माध्यम से ही रामलला के मंदिर निर्माण होना चाहिये।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) January 5, 2020
भगवान राम का मंदिर हिंदुओं के धर्माचार्यों द्वारा ही बनाना चाहिये। राजनैतिक संगठनों द्वारा संचालित संगठनों के द्वारा नहीं। भगवान राम सब के हैं उनके जन्म भूमि पर निर्माण की ज़िम्मेदारी रामालय ट्रस्ट को ही देना चाहिये। pic.twitter.com/U5Kw9JrAdO
— digvijaya singh (@digvijaya_28) January 5, 2020
कि अयोध्या में श्रीराम का मंदिर का निर्माण सरकारी पैसे से नहीं होकर जनता के पैसों से किया जाना चाहिए दिग्विजय सिंह ने आगे और भी कहा है कि दुनिया का हर हिंदू भगवान श्रीराम में आस्था रखता है इस कारण से दुनिया का हर हिंदू भगवान राम के मंदिर निर्माण में दिल खोलकर पैसा दान देगा और वह सहयोग करेगा देवी सिंह ने आगे अपने ग्रुप में यही कहा है कि विश्व हिंदू परिषद ने भगवान राम के मंदिर निर्माण के नाम पर जो चंदा हो गया है वह रुपया भी विश्व हिंदू परिषद अपने पास रख ले और इसका उपयोग समाज की कुरीतियों को दूर करने में करें शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने गुरु शारदा पीठ दी जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी ने यही बात कही थी कि दिग्विजय सिंह ने रविवार को एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा कि रामालय ट्रस्ट में भी सभी शंकराचार्य और रामानंदी संप्रदाय से जुड़े सभी अखाड़ा परिषद की भी सदस्यता है तरह जगतगुरु स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती भी सबसे वरिष्ठ होने के नाते उनसे अध्यक्ष भी हैं तथा रामालय ट्रस्ट के माध्यम से ही रामलला के मंदिर का निर्माण किया जाना चाहिए तथा भगवान राम का मंदिर हिंदुओं के धर्म आचार्यों के द्वारा ही बनना चाहिए राजनीतिक संगठन तथा अन्य संगठनों का इसमें किसी भी प्रकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए क्योंकि भगवान राम सबके हैं सबको भगवान राम की सेवा करने का अवसर मिलना चाहिए