उत्तर प्रदेश में नागरिकता कानून पर घुस पैठियों की सूची बनाने का काम शुरू किया

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उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने नागरिकता कानून पर काम करना शक्ति से शुरू कर दिया गया है उत्तर प्रदेश में इस कानून के विरोध में सबसे अधिक बवाल और हिंसा देखने को मिला था और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने हिंसा और विरोध को काफी सख्ती से कुचल दिया गया था मगर इस सब के बाद भी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सबसे पहले नागरिकता कानून पर काम करना शुरू कर दिया है उत्तर प्रदेश  नागरिकता कानून को लागू करने वाले राज्यों में सबसे पहला राज्य बना जिसके तहत उत्तर प्रदेश में नागरिकता कानून के लिए अवैध घुसपैठ के लोगों की सूची बनाने का काम शुरू कर दिया गया है नागरिकता संशोधन अधिनियम के तहत अफगानिस्तान पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए लोगों को पहचान कर चिन्हित करने का कार्य शुरू कर दिया गया है ऐसा कार्य करने वाला देश का सबसे पहला राज्य का दर्जा उत्तर प्रदेश को ही मिल गया है जबकि उत्तर प्रदेश में इस कानून के विरोध में सबसे अधिक हिंसा और बवाल भी देखने को यहीं पर मिला था उत्तर प्रदेश की सरकार ने सभी जिला स्तर पर सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश स्थित कर दिया है तथा सारे प्रदेश में ऐसे लोगों को चिन्हित किया जा रहा है जो कि भारत के नागरिक नहीं है और भारत में अवैध रूप से रह रहे हैं ऐसे लोगों की सूची तैयार करने के लिए जिला स्तर पर कार्य शुरू कर दिया गया है उत्तर प्रदेश में सूची तैयार करने का उद्देश्य बताया जाता है कि राज्य सरकार के हस्तक्षेप से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि वास्तव में कितने लोग अवैध रूप से प्रदेश में रह रहे हैं और कितने लोग वैध रूप से रह रहे हैं तथा इसके बाद इस बात की भी पुष्टि की जाएगी कि किसी भी भारतीय नागरिक को किसी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े ऐसा देश में पहली बार हो रहा है जब इस तरह की किसी सूची बनाए जाने पर काम किया जा रहा है प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे अवैध मुसलमानों पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी जानकारी मंगाई है तथा राज्य सरकार और गृह मंत्रालय का मानना यह है कि ऐसा करने से देश विरोधी गतिविधियों पर भी लगाम लगाया जा सकता है तथा अवैध रूप से रह रहे लोगों की जानकारी सरकार के पास रहेगी नागरिकता कानून का उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक विरोध भी हुआ था तथा इस विरोध के बीच हुए हिंसक प्रदर्शनों में 30 से अधिक लोगों की जानें भी जा चुकी हैं प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि नागरिकता संशोधन की आड़ में भारत में रह रहे मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है वहीं सरकार की दलील यह है कि अवैध रूप से रह रहे लोगों के लिए यह कानून बनाया गया है ना कि भारत के नागरिकों के लिए अगर जो वाकई में भारत का नागरिक है उसे किसी भी रूप में डरने की कोई जरूरत नहीं है जो अवैध रूप से रह रहे हैं सिर्फ उनके लिए यह मुसीबत का सबब माना जा रहा है

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