चीन ने अब कुरान को अपने हिसाब से फिर से लिखने का फैसला लिया

0
759
waynews
waynews

एजेंसी चीन की सरकार ने अब इस्लाम की पवित्र ग्रंथ कुरान को अब अपने हिसाब से लिखने का फैसला लेते हुए चीन में रह रहे कोई गैर मुसलमानों पर एक और अत्याचार करने का फैसला लिया है अब चीन में मुसलमान अपनी ही धार्मिक ग्रंथ को नहीं पढ़ पाएंगे चीन के मुसलमानों ने इस बात पर खेद जताते हुए रोस व्यक्त किया है तथाऐसा  वहां के मुसलमान ही नहीं बल्कि ईसाइयों की भी धार्मिक ग्रंथ बाइबिल में भी बदलाव करने का चीन सरकार ने फैसला लेते हुए बाइबिल को भी अपने हिसाब से लिखने का निर्णय लिया है इसके पीछे चीन की सरकार अपने दावे की बात कर रही है कि वह अपने सामाजिक मूल्यों के आधार पर इसका फैसला करेगी और लोगों की भावनाओं का सम्मान भी करेगी इसमें चीन की सरकार का कहना है कि इनके कुछ एक पैराग्राफ में बदलाव किया जाना चाहिए जिन को समझने में लोगों में भ्रांति पैदा होती है उसका अनुवाद स्पष्ट और सकारात्मक होना चाहिए चीनी सरकार का मानना है कि भाषा की समझ कम होने के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है जिस समय यह पुस्तक लिखी गई थी उस समय की भाषा शैली आज की भाषा शैली से काफी अलग होती है इस कारण उनका भावार्थ समझने में लोगों को भ्रांति पैदा हो जाती है और जिसके कारण वह गलत रास्ते पर चले जाते हैं धार्मिक ग्रंथों में स्पष्ट भावार्थ होने के कारण लोगों में इसकी समझ बढ़ेगी और इसका सकारात्मक प्रभाव समाज और देश की जनता पर होगा ऐसा किन की सरकार का मानना है

दरअसल, यह आदेश नवंबर माह में हुई चीनी पीपुल्स पॉलिटिकल कंसल्टेंट कॉन्फ़्रेन्स की राष्ट्रीय समिति की जातीय और धार्मिक मामलों की समिति द्वारा आयोजित एक बैठक के दौरान किया गया था। यह समीति चीन में जातीय और धार्मिक मामलों पर नजर रखती है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, पिछले महीने में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के 16 विशेषज्ञों और विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों ने एक इस बैठक में भाग लिया था।

बैठक की अध्यक्षता चीनी जन राजनीतिक परामर्श सम्मेलन के अध्यक्ष वांग यांग ने की। बैठक के दौरान श्री वांग ने धर्म गुरुओं/प्रमुखों को जोर देकर कहा कि उन्हें राष्ट्रपति शी के निर्देशों का पालन करना चाहिए और समाजवाद के मूल्यों और समय की आवश्यकताओं के अनुसार विभिन्न धर्मों की विचारधाराओं की व्याख्या करनी चाहिए। उन्होंने धर्मगुरुओं से ‘चीनी विशेषताओं के साथ एक धार्मिक प्रणाली’ बनाने का आग्रह किया। सभी ने श्री वांग के निर्देशों से सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि मिशन ‘इतिहास का विकल्प’ है।

 

Publishers Advertisement