
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों ने एक ऐतिहासिक और पारदर्शिता बढ़ाने वाला फैसला लेते हुए अपनी संपत्ति सार्वजनिक करने पर सहमति जताई है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता में हुई बैठक में सभी 30 न्यायाधीशों ने यह निर्णय लिया कि अब प्रत्येक न्यायाधीश अपनी संपत्ति का विवरण सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करेगा। इसके तहत, जब कोई न्यायाधीश पदभार ग्रहण करेगा या कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभालेगा, तो उसे अपनी संपत्ति की जानकारी मुख्य न्यायाधीश को देनी होगी। इससे पहले, 1997 के प्रस्ताव के तहत न्यायाधीशों को केवल मुख्य न्यायाधीश के समक्ष अपनी संपत्ति की घोषणा करनी अनिवार्य थी, जबकि 2009 में उन्हें इसे स्वेच्छा से सार्वजनिक करने की अनुमति दी गई थी, लेकिन सभी न्यायाधीशों ने इस विकल्प को नहीं अपनाया था। अब तक मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई, न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी ने अपनी संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक कर दिया है, जिसे जल्द ही सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। इस फैसले के पीछे हाल ही में सामने आया दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा का मामला भी एक अहम वजह माना जा रहा है। इस घटना के बाद न्यायपालिका की पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर सवाल उठने लगे थे, जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने यह कदम उठाया। यह फैसला न्यायपालिका की निष्पक्षता और पारदर्शिता को बढ़ावा देगा, जिससे जनता का विश्वास और अधिक मजबूत होगा। इसके अलावा, यह निर्णय अन्य उच्च न्यायालयों और अधीनस्थ न्यायपालिका को भी इसी तरह की पहल करने के लिए प्रेरित कर सकता है, जिससे पूरे न्यायिक तंत्र में पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा।
