दिल्ली जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में हिंसा के मामले में जांच करते हुए दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शुक्रवार को 9 लोगों की पहचान को उजागर कर दिया गया है जो कि नकाबपोश ओं में शामिल थे और हिंसा और आगजनी में शामिल थे इनकी पहचान सीसीटीवी कैमरे की फुटेज के आधार पर इनकी तस्वीर को उजागर किया गया है इन दंगाइयों में छात्र संघ के अध्यक्ष आयुषी घोष भी तस्वीर में साफ दिख रही हैं तथा इनके अलावा लेफ्ट समर्थक छात्र संघ के अन्य कई नेताओं से संबंधित छात्रों के नाम भी पुलिस ने तस्वीर सहित उजागर किए हैं जिनमें शामिल हैं पंकज मिश्रा चुनचुन कुमार प्रिया रंजन योगेंद्र भरद्वाज विकास पटेल डोलन और आयुषी घोष भी शामिल है इन लोगों में जिन्होंने जेएनयू में विशेष रूप से हिंसा फैलाई थी तथा इनकी पहचान उजागर कर ली गई है दिल्ली क्राइम ब्रांच के अनुसार डीसीपी ने बताया है कि इस मामले में किसी भी संदिग्ध को अभी हिरासत में नहीं लिया गया है तथा जल्द ही हम पूछताछ को आगे बढ़ाने के लिए इन्हें बुला सकते हैं तथा यह भी कहा है कि हिंसा को लेकर 3 और अलग-अलग केसों में एफ आई आर दर्ज की गई है तथा इसकी भी जांच की जा रही है
आइशी घोष ने खुद की तस्वीर आते ही पुलिस पर ही आरोप लगाएं
आइशी घोष ने खुद की तस्वीर आने के बाद पुलिस पर आरोप लगाते कहा कि पुलिस ने मेरी शिकायत पर एफ आई आर दर्ज नहीं की मेरे पास भी वीडियो फोटो मौजूद हैं जिसमें मैं यह सिद्ध कर दूंगी कि मेरे पर भी हमला हुआ हमलावर कौन हैं तथा यह भी कहा कि कानून व्यवस्था पर मुझे पूरा भरोसा है अगर जांच निष्पक्ष होगी तो मुझे न्याय जरूर मिलेगा लेकिन दिल्ली पुलिस मेरे साथ भेदभाव कर रही है और मैंने कोई मारपीट नहीं की दिल्ली पुलिस ने अपनी जांच मैं जो सबूत दिखाए हैं उनके अलावा मेरे पास भी कई और सबूत मौजूद हैं जिसमें मेरे साथ मारपीट की गई और मुझ पर हमला किया गया
दिल्ली पुलिस ने व्हाट्सएप ग्रुप से भी निकाले सबूत
क्राइम ब्रांच के डीएसपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि मामले की जांच अभी चल रही है और जिसके खिलाफ लोग गलत अफवाह भी फैलाने का काम कर रहे हैं मगर अभी जांच होना बाकी है सभी व्हाट्सएप ग्रुप तथा इन सभी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से सबूत और तलाशी जा रहे हैं आगे और भी कई खुलासे होने बाकी हैं ऐसा करने वालों मैं पहले से ही अपने व्हाट्सएप ग्रुप बनाए हैं तथा सीसीटीवी फुटेज के आधार पर यह पता चला है कि नकाबपोश यह भली-भांति जानते थे कि उन्हें कहां पर जाना है और किस कमरे में जाकर हमला करना है हालांकि हिंसा के सीसीटीवी फुटेज अभी प्राप्त नहीं हुए हैं मगर हमने वायरल वीडियो के जरिए आरोपियों की पहचान करना शुरू कर दी है इसमें अभी 40 से 50 लोगों से बातचीत किया जाना बाकी है इसके बाद किसी नतीजे पर पहुंच पाना संभव हो पाएगा