राज्य की कांग्रेस सरकार के द्वारा लिए गए इस फैसले के तहत सरकारी मेडिकल कॉलेजों से जुड़े सुल्तानिया और हमीदिया अस्पताल में मरीजों के लिए जो अब तक फ्री इलाज की व्यवस्था थी वह राज्य की सरकार उसे अब बंद करने जा रही है जैसा कि अब तक मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पताल हमीदिया और सुल्तानिया में गरीब और असहाय लोगों का मुफ्त इलाज किया जाता था राज्य सरकार के द्वारा एक बैठक में लिए गए फैसले में यह निर्णय लिया गया कि अब गरीबों का मुफ्त इलाज नहीं किया जाएगा इसके लिए गरीबों से भी पैसे वसूले जाएंगे साथ ही अस्पतालों में जांच वह इलाज तथा ओ टीपी कि भी फीस बढ़ाने का प्रस्ताव मंजूर कर दिया गया है जिसे कॉलेजों की काउंसलिंग की मंजूरी के बाद लागू कर दिया जाएगा अस्पताल में निशुल्क इलाज देने के लिए बनाई जा रही राइट टू हेल्प ही पॉलिसी पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन के दफ्तर के अफसरों ने बताया है कि हमीदिया और सुल्तानिया अस्पताल में जांच और इलाज की फीस की नई दरें जल्द ही लागू कर दी जाएगी इसके लिए जल्द ही कॉलेजों की काउंसलिंग मीटिंग बुलाई जाएगी किसी मीटिंग में इनके विभागों के प्रमुख के द्वारा नई फीस का चार्ट तैयार कर लिया जाएगा आर्थिक रूप से कमजोर और सामान्य मरीजों के लिए भी किसी प्रकार की कोई रियायत नहीं दी जाएगी सभी श्रेणियों में मरीजों से पैसा वसूला जाएगा तथा ओपीडी के रजिस्ट्रेशन से लेकर पैथोलॉजी रेडियोलॉजी तथा हर प्रकार की सुविधा के लिए शुल्क वसूला जाएगा
गरीब गर्भवती महिलाओं को भी चुकाना होंगे डिलीवरी के पैसे
नई चिकित्सा विभाग की नीतियों के तहत सुल्तानिया जनाना अस्पताल में भी अब सभी गर्भवती गरीब असहाय तथा किसी भी प्रकार की गर्भवती महिलाओं को अपने डिलीवरी या अन्य प्रकार के इलाज के लिए सुल्तानिया जनाना अस्पताल में जाने पर किसी भी प्रकार का इलाज कराने का पैसा देना होगा नई व्यवस्था के तहत सभी प्रकार की गर्भवती महिलाओं को पैसा देना होगा अभी तक सुल्तानिया अस्पताल में यह सब कुछ गरीब औरत और महिलाओं के लिए फ्री था जबकि स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में महिलाओं को यह सभी जांचें निशुल्क होनी चाहिए थी