पटना (बिहार).राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव रविवार को 70 साल के हो गए। 11 जून 1948 को बिहार के गोपालगंज के फुलवरिया गांव में लालू का जन्म हुआ था। साल 1973 में दोनों की शादी हुई थी। शादी के दौरान लालू को उनसे ससुराल से सोना के अलावा कई सामान मिला था। DainikBhaskar.com आपको लालू के जन्मदिन पर लालू और राबड़ी के बारे में बता रहा है। शादी के दौरान मिट्टा का था लालू का घर…

बता दें कि राबड़ी देवी लालू के मुकाबले एक सुखी और संपन्न घर से आती थी। एक टीवी प्रोग्राम में खुद राबड़ी ने बताया था कि जब उनके पिता ने लालू को उनके लिए पसंद किया और उनके बारे में चाचा को बताया तो वे शादी के खिलाफ हो गए। दरअसल, लालू एक गरीब फैमिली से थे और न उनका मकान पक्का था और न ही उनके पास उतनी जमीन थी। राबड़ी के चाचा ने कहा कि हमारी बेटी पक्का के घर में पली-बढ़ी है, मिट्टी के घर में कैसे रहेगी? लेकिन इसके बाद भी लालू और राबड़ी की शादी हुई।
दहेज में दिया था सोना के अलावा जमीन
इसी टीवी प्रोग्राम में लालू के ससुर शिवप्रसाद चौधरी ने बताया था कि उन्होंने बेटी (राबड़ी देवी) की शादी में अच्छा-खासा दहेज दिया था। उन्होंने बताया कि दहेज में उन्होंने 10 भर सोना, 20 हजार रुपए नगद, पांच बीघा जमीन और दो जर्सी गाय दी थी। उन्होंने बताया था कि इसके बाद भी वे कई मौके पर रुपए-पैसे से लेकर हर तरीके से अपने दामाद के साथ रहे और उनकी हेल्प की।
लालू से नौ साल छोटी हैं राबड़ी
44 साल पहले जब दोनों की शादी हुई तो लालू की उम्र 25 जबकि राबड़ी की उम्र 14 साल थी। लालू और राबड़ी की शादी विवादों के बीच में हुई थी। शादी के बाद दोनों की मैरिड लाइफ अच्छी चलने लगी। तब लालू ने कहा था कि राबड़ी उनके लिए लकी हैं। उनके आने के बाद से ही उनकी लाइफ बदल गई। इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शादी के चार साल बाद यानी 1977 में लालू लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे। लालू के संसद जाने के बाद भी दोनों की लाइफ स्ट्रगल वाली रही। एक तरफ लालू राजनीति में जमते जा रहे थे तो दूसरी ओर राबड़ी घर की जिम्मेदारी बखूबी निभा रही थीं। राबड़ी दूध का कारोबार घर से ही करती थीं।
लालू जब जेल जाते तो राबड़ी बच्चों को नहीं दे पाती थी जवाब
राबड़ी देवी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि शादी के तीन साल बाद गौना हुआ, उस समय देश में आपातकाल लग गया। लालू प्रसाद यादव पटना में छात्र नेता थे। इमरजेंसी के खिलाफ छात्र आंदोलन के दौरान 1974 से 1977 के बीच लालू कई बार अरेस्ट हुए और जेल गए थे। उनका कहना था कि जब से उनकी शादी हुई है, तब से ऐसे दिन देख रहीं हैं। लालूजी को कई बार जेल जाना पड़ा है। पहली बार जेपी आंदोलन के चलते उन्हें जेल जाना पड़ा था तो बाद में चारा घोटाला में आरोपित होने के बाद जेल जाना पड़ा।

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