देश मे ́सबसे अधिक स्टॉम्प शुल्क राजधानी भोपाल मे फिर भी 18 फीसदी और महंगी करने की तैयारी

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भोपाल ।कले€टर गाइडलाइन बाजार के बराबर लाने के फेर मे ́ एक बार फिर प्रॉपर्टी की दरो ́ मे ́बेतहाशा वृद्धि की जा रही है। ऐसे मे ́आम जनता के लिए जमीन और घर लेने का सपना सपना ही बन कर रह जाएगा।पहले ही भोपाल मे ́ स्टॉम्प शुल्क सबसे अधिक 12.5 फीसदी वसूला जाता है। जो देश मे ́ सबसे अधिक है। इसके बाद कई क्षेत्रों मे ́30 से 40 फीसदी तक बड़ोत्त्री का प्रस्ताव दे दिया। यही नही ́ मुख्यमार्ग मे ́आवासीय प्रॉपर्टी को भी व्यवसायिक प्रॉपर्टी मे ́ शामिल कर दिया।इससे कीमतो ́ मे ́ 50 फीसदी बड़ोत्त्री हो जाएगी। वर्ष 21-22 की कले€टर गाइडलाइन मे ́ की जा रही वृद्धि को लेकर विरोध भी शुरू हो गया है। बेतहाशा वृद्धि को लेकर विधायक कृष्णा गौर ने सख्त आपत्ती दर्ज कराई है। उधर क्रेडाई ने इससंबंध मे ́ मुख्यमत्री को पत्र लिख कर स्टाम्प ड्यूटी  मे ́ आठ फीसदी और गाइडलाइन मे ́ दस फीसदी की राहत देने की  मांग की है। दरअसल, शहर के प्रमुख बाजारो ́चौक, बैरागढ ,न्यू मार्केट,घोड ̧ा न€कास, एमपी नगर व अन्य बाजारजहां मुख्य सड ̧क की आवासीय जमीन भी1 अप्रेल से व्यावसायिक हो जाएगी। ऐसेस्थानो ́ पर रजिस्ट्री कराने पर डेढ ̧ से सवादो लाख या इससे  कही ́  अधिक स्टाम्प शुल्क चुकाना होगा। शहर की सबसे मह ́गी रजिस्ट्री भी इन्ही ́ स्थानो ́ पर हो ́गी।चार  दिन का समय अपलोड नही ́की गाइडलाइन, देखने को भी नही ́मिली :जिला मूल्यांकन समिति की बैठक के बाद प्रस्तावित गाइडलाइन कोबेवसाइट पर अपलोड कर दिया जाता है।लेकिन इस बार ऐसा नही ́ हुआ। एक दिनका समय बीतने के बाद भी आम जनता को ऑनलाइन गाइडलाइन नजर नही ́आई। वही ́ परी बाजार और आईएसबीटी मे ́भी गाइडलाइन देखने के लिए लोग भटकते रहे। जबकि दावा-आपत्ती के लिए चार दिन दिये गये है ́। शनिवार का दिन निकल गया और रविवार को लॉकडाउन है। ऐसे मे ́ मात्र  दो दिन ही आमजनता को दावा-आपत्ती प्रस्तुत करनेके लिए मिले ́गे।2009 से 2013 के बीच स्टाम्पड्यूटी और गाइडलाइन मे ́ सबसेअधिक छह  सौ फीसदी वृद्धि हुई:क्रेडाई ने एक बार फिर शहर मे ́ प्रॉपर्टी कीदरे ́ बढ ̧ाने का विरोध किया है। इस संबंधमे ́ मुख्य मंत्री को एक पत्र भी लिखा है।पत्र में स्टाम्प ड्यूटी 8 फीसदी करने और गाइडलाइन मे ́ दस फीसदी दरे ́ कम करने की मांग की  गई है। क्रेडाई अध्यक्ष ने कहा कि पंजीयन विभाग के अफसरो  ने वर्ष 13-14 से गाइडलाइन एवं स्टाम्पड्यूटी मे ́ वृद्धि नही ́ होने की बात कह कर बड़ोत्त्री प्रस्तावित की है। जबकि वास्तव मे ́ वर्ष 2009 से 2013 तक का आंकलन किया जाए,  तो इन वर्षो मे ́ गाइडलाइन और  ड्यूटी मे ́ करीब 600 फीसदी की वृद्धि की जा चुकी थी। जब पूर्व के वर्षो मे ́  ही कले€टर गाइडलाइन एवं  स्टाम्प ड्यूटी मे ́ बेतहाशा वृद्धि की जा चुकी है

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