पुलिस ने जवाब मांगा की मैनेजर बैंक लूटते रहे और हेड ऑफिस ने नोटिस अभी तक क्यौ नहीं भेजा
भोपाल. सिंडिकेट एवं यूको बैंक मे फर्जी बैंक खाते बनाकर मैनेजर एवं कर्मचारी सरकारी सब्सिडी लोन का पैसा डाल कर आपस में लंबे समय से बांट रहे थे। पैसों की इस हेराफेरी मे सिंडीकेट एवं यूको बैंक के शीर्ष प्रबंधन द्वारा पूछताछ नहीं करने पर पुलिस बेहद गंभीर है की एसा क्यो। इसके अलावा जिला अंर्तव्यवसाई विभाग भी आंख बंद करके एक ही आवेदक के दस्तावेज पर बार-बार सब्सिडी जारी कर रहा था जिसे भी संदिग्ध माना जा रहा है।
डीसीपी रियाज इकबाल ने इस मामले में सिंडिकेट एवं यूको बैंक के चेयरमैन कार्यालय को पत्र लिखकर जवाब मांगा है। इसके अलावा शासन के सचिव स्तर के अधिकारी को सब्सिडी पर लोन देकर आर्थिक गड़बड़ी के बावजूद पूछताछ नहीं करने की सूचना भेजी है। हनुमानगंज एवं कोहेफिजा पुलिस अभी तक इस मामले में 9 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। आरोपियों ने पूछताछ में यह बात स्वीकार की कि उन्होंने कुछ प्राइवेट बैंक में भी सब्सिडी लोन प्रकरण फाइल किए थे। पुलिस शहर के सभी सरकारी एवं प्राइवेट बैंक प्रबंधन से चर्चा कर इस बात का पता लगा रही है कि पिछले 3 साल में कितने सब्सिडी लोन मंजूर किए गए हैं।
पुलिस जांच में सामने आया कि बैंक के मैनेजरों ने कर्मचारियों के साथ मिलकर स्मॉल स्केल इंडस्ट्री श्रेणी में वर्मा ट्रेडर्स के प्रोपराइटर के नाम से बॉम्बे मर्केंटाइल को ऑपरेटिव बैंक पीर गेट में एक फर्जी अकाउंट खुलवाया। फर्जी आवेदक ने वर्मा ट्रेडर के फर्जी डॉक्यूमेंट तैयार दिए थे। दोनों बैंक मैनेजर असिस्टेंट मैनेजर व कर्मियों के साथ पहले 62 लाख के अलग-अलग 10 लोन अपने ही बैंक से जारी करवा चुके थे। सेवानिवृत्त बैंक मैनेजर मुकेश श्रीवास्तव, सिंडीकेट बैंक मैनेजर देवेंद्र साहू, असिस्टेंट मैनेजर प्रमोद वर्मा, जमुना प्रसाद, मनोज तोमर नामक बैंक कर्मचारी, बहार मियां, शंकर साहू, राजकुमार एवं लव कुमार नामक दलाल को गिरफ्तार किया गया।