एक मैसेज पर नन्ही जान की मदद के लिये भोपाल के कई लोग देर रात रेल्वे स्टेशन पहुँचे

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भोपाल . एक जागरूक और सह्दय व्यक्ति के ऑक्सीजन की आवश्यकता के मैसेज को देखते ही भोपाल के कई लोग मदद के लिए आगे आए और देर रात राजधानी एक्सप्रेस के भोपाल रेल्वे स्टेशन आने से पहले ही 24 दिन के नन्हे बच्चे के लिये ऑक्सीजन सिलेण्डर लेकर स्टेशन पहुँचे।

नागपुर निवासी श्री खुशरू योचा बताते हैं कि गुरूवार रात करीब 9 बजे मेरे पास रेलवे में मेरे एक सहयोगी श्री अविश बंसोड़े का फोन आया कि राजधानी एक्सप्रेस में 24 दिन के बच्चे को ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत है। उसने मुझसे पूछा कि क्या मैं एक सिलेंडर की व्यवस्था कर सकता हूँ और क्या वह मेरा नंबर बच्चों के माता-पिता श्रीमती निकिता पत्नि श्री प्रवीण सहारे के साथ साझा कर सकता है। मैंने उसे तुरंत ऐसा करने के लिए कहा। श्री प्रवीण सहारे ने मुझे फोन किया और बताया कि उनके बच्चे को जन्मजात हृदय दोष है और उसे ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत है। वे बच्चे को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली ले जा रहे थे। उनके पास एक ऑक्सीजन सिलेंडर और एक ऑक्सीजन कॉन्सट्रेटर था। परन्तु दिल्ली तक पहुँचने के लिये और सिलेण्डर की आवश्यकता थी।

मैंने सबसे पहले इस पोस्ट को एफबी पर शेयर किया, फिर मैंने श्री उदय बोरवंकर को फोन किया जो डीआरएम भोपाल थे। मैंने उन्हें स्थिति के बारे में अपडेट किया और मदद के लिये कहा। उन्होंने तुरंत मुझे पूरी जानकारी भेजने को कहा। इस बीच मैंने अंशु गुप्ता के साथ पोस्ट शेयर किया जिन्होंने मुझे तुरंत आश्वासन दिया कि वह मेरी पोस्ट को मध्यप्रदेश में एक विश्वसनीय स्रोत के साथ साझा कर रहे हैं।

श्री उदय बोरवंकर ने मुझे 30 मिनट के भीतर अपडेट किया कि बच्चे तक मदद पहुंच जाएगी। लेकिन उस समय तक किसी तरह मेरी पोस्ट भोपाल में काफी वायरल हो चुकी थी और मुझे भोपाल से हर मिनट फोन आने लगे। कल की रात मुझे पहली और दूसरी लहर में कोविड दिनों की तरह महसूस हुई जब मुझे रात के 3 बजे तक कॉल आते थे। मुझे सरकारी अधिकारियों, विभिन्न सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों, सामाजिक संगठनों, सिख समुदाय, प्रेस आदि के फोन आए। इससे पता चलता है कि दुनिया के लोगों में कितनी अच्छाई है। कई बच्चे की मां से जुड़ पाए और कई लोग नहीं जुड़ पाए। इसलिए मैंने उन सभी लोगों के नंबर फॉरवर्ड करना शुरू कर दिया, जो उसे कॉल नहीं कर सकते थे। आखिर रात 2.43 बजे मुझे बच्चे की मां का मैसेज आया कि भोपाल में बच्चे को 1 नहीं, 2 नहीं बल्कि 3 सिलेंडर दिए गए हैं। कई संगठन सिलेंडर लेकर स्टेशन पहुंचे थे लेकिन उन्होंने सिर्फ 3 सिलेंडर ही लिए।

आप सभी का आभार जिन्होंने फोन किया, डीआरएम भोपाल को ट्वीट किया और इस बच्चे की मदद के लिए जुड़े। डीआरएम भोपाल सर को धन्यवाद जिन्होंने मदद की। राजेश गुप्ता एसडीएम एवं संयुक्त कलेक्टर भोपाल का भी ह्रदय से आभार व्यक्त किया। उन सभी से माफ़ी, जिन्होंने कॉल किया, मैं जवाब नहीं दे सका क्योंकि यह असंभव के बगल में था क्योंकि हर मिनट कॉल के बाद कॉल आ रहे थे। अभिभावक ने देर रात बच्चे की मदद के लिये पहुँचे सभी लोगों एवं संगठनों का ह्रदय से आभार व्यक्त किया।

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