भाजपा नेता रंजीत सिंह डंडीर पर आरोप मुस्लिमों का डर दिखाकर सस्ती दरों पर 200 एकड़ जमीन खरीदी

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जिला मुख्यालय के नजदीक मुस्लिमों का डर दिखाकर सस्ती दरों पर 200 एकड़ जमीन खरीदने का मामला सामने आया है। शहर के भाजपा नेता रंजीत सिंह डंडीर तंजीम-ए-जरखेज नाम की इस संस्था से जुड़े थे। संस्था में धर्म विशेष कर्मचारियों को जोड़कर भूमि की खरीदी की। भू-मालिकों को बताया गया कि इसके आसपास मुस्लिम समुदाय के लिए क्षेत्र विकसित किया जाएगा। संस्था ने कथित रूप से किसानों को भय दिखाया और 2000 के दशक में 200 एकड़ भूमि औने-पौने दामों पर खरीद ली। अब यहां रहवासी कॉलोनी विकसित की जा रही है।

जिस संस्था तंजीम-ए-जरखेज के नाम से भूमि खरीदी गई थी, उसे अब प्रो. पीसी महाजन के नाम पर कर दिया गया। उस स्थान पर आवासीय कॉलोनी विकसित होने के बाद औने-पौने दामों पर भूमि बेचने वाले किसान खुद का ठगा महसूस कर रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने इसकी पुलिस को लिखित शिकायत भी की थी।

रणजीत डंडीर, अध्यक्ष व पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष  किसानों को पूरी कीमत दी थी फाउंडेशन के निदेशक रवि महाजन ने मीडिया से बताया कि हम जमीन का सदुपयोग कर रहे हैं। आवासीय भूखंडों के अलावा, गायों के लिए एक गोशाला या आश्रय भी बनाया जा रहा है। किसानों से किसी तरह की ठगी नहीं की गई। उस समय जो भी कीमत किसानों ने मांगी थी, उन्हें दी गई थी। इसमें कोई छिपा हुआ उद्देश्य नहीं था।

 

ट्रस्ट के निदेशक रवि महाजन ने बताया सभी आरोप झूठे  तंजीम-ए-जरखेज का अर्थ बंजर भूमि को उपजाऊ बनाना है। चूंकि हमें लगा कि लोग इसका अर्थ नहीं समझ सकते हैं, इसलिए हमने नाम बदल दिया। आरोप सिर्फ भ्रामक हैं, सभी काम कानून के अनुसार किए गए हैं।

मैं बाद में अध्यक्ष बना 2011 से मैं पीसी फाउंडेशन का अध्यक्ष हूं। सौ सदस्यों को मिलाकर संस्था बनी थी। यह सही है कि पूर्व में संस्था का नाम तंजीम-ए-जरखेज था। 2007 में इसे सुधाकर पीसी फाउंडेशन रखा गया। संस्था को बदनाम करने के लिए कुछ लोग झूठ का सहारा ले रहे हैं।

धर्मवीरसिंह, एसपी खरगोन  मेरी जानकारी में मामला नहीं है। यदि कुछ लोगों ने कार्यालय में शिकायत की है तो आवेदन की जांच कराएंगे।

ऐसे हुआ था सौदा  जमीन बेचने वाले किसान दीपक कुशवाहा ने कहा, बबलू खान नाम का एक व्यक्ति उनके पिता के पास आया था। कुशवाहा के पिता ने मामूली रकम लेकर 9 एकड़ भूमि बेच दी। एक अन्य भू मालिक ने बताया कि उसे पांच एकड़ के लिए सिर्फ 40 हजार मिले। वहां के भू मालिकों को बताया गया था कि उस भूमि पर स्लॉटर हाउस और हज भवन बनेगा। रंजीत डंडीर ने मीडिया से बताया कि मेरा नाम इन सब में घसीटा जा रहा है, क्योंकि मैंने अपना सारा जीवन हिंदू समाज के काम में लगाया है। अब मुझे बदनाम किया जा रहा है।

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