नई दिल्ली. विदेश मंत्री एस जयशंकर ब्यूरोक्रेट्स के परिवार से आते हैं। जयशंकर ने एक साक्षात्कार में कहा, उनके पिता डॉ. के सुब्रमण्यम को पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने सेक्रेटरी, डिफेंस प्रोडक्शन के पद से हटा दिया था। जयशंकर ने बताया, ‘मैं बेस्ट फॉरेन सर्विस ऑफिसर बनना चाहता था। मेरे दिमाग में बेस्ट का मतलब था फॉरेन सेक्रेटरी के पद तक पहुंचना। 1979 में जनता सरकार में जब मेरे पिता सचिव बने तो वह शायद सबसे युवा सेक्रेटरी थे।’ उन्होंने कहा कि 1980 में इंदिरा गांधी जब दोबारा सत्ता में लौटीं तो उनके पिता पहले सचिव थे जिन्हें हटाया गया था। वह रक्षा मामलों में उस वक्त सबसे ज्यादा जानकारी रखने वाले शख्स थे।
जूनियर को दी गई वरीयता
जयशंकर ने कहा, मेरे पिता सिद्धांतों पर चलने वाले शख्स थे। राजीव गांधी के कार्यकाल में उनसे जूनियर को उनके बजाय वरीयता दी गई। यह बात उन्हें बहुत अखरी थी। हालांकि, परिवार इसके बारे में कुछ बोला नहीं। यही वजह है कि जब जयशंकर के बड़े भाई सेक्रेटरी बने तो पिता को बहुत गर्व हुआ था।
जयशंकर ने उस वक्त के बारे में भी बताया जब पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें 2019 में कैबिनेट का हिस्सा बनने के लिए कॉल किया था। जयशंकर ने कहा कि यह पूरी तरह से चौंकाने वाला था। उन्होंने पूरी जिंदगी राजनेताओं को देखा था। लेकिन, खुद वह इस भूमिका में आएंगे, इसके बारे में कभी सोचा नहीं था। वह संसद सदस्य भी नहीं थे। उन्होंने कहा कि वह बहुत ध्यान से देखते हैं कि उनकी पार्टी और दूसरी पार्टी के लोग क्या कर रहे हैं।