धारा 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर में एक और कानून बदला उर्दू की जगह हिंदी हुई सरकारी कामकाज की भाषा

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हिंदुस्तान का एक और नया कानून जम्मू और कश्मीर में लागू हो गया है आज के ऐतिहासिक दिन को सरकार ने लागू करते हुए जम्मू एंड कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने के बाद से लागू करने का आज से फैसला लिया है इस फैसले के तहत अब से देश के बाकी राज्यों की तरह इस राज्य में भी सभी सरकारी काम मातृभाषा हिंदी में ही किए जाएंगे आजाद हिंदुस्तान के बीते 70 साल में ऐसा पहली बार होने को जा रहा है कि देश के इस राज्य में सरकारी काम उसकी मातृभाषा में किए जाएंगे जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख को आज से केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है भारत सरकार के द्वारा 5 अगस्त को धारा 370 की ताकतें को खत्म करने के बाद आज से 31 अक्टूबर से जम्मू और कश्मीर को तो अलग राज्य को घोषित कर दिया गया है 87 के साथी राज्य में नई सरकार के गठन होने तक जम्मू और कश्मीर राज्य को केंद्र शासित माना जाएगा तथा आपसे पहले जम्मू एंड कश्मीर के सभी शासकीय काम उर्दू भाषा में किए जाते थे देश की इसी  दोहरी परंपरा के कारण जम्मू एंड कश्मीर भारत का हिस्सा होने के बाद भी भारत से उसे अलग माना जाता था क्योंकि किस राज्य का झंडा अलग होता था इसके मातृभाषा अलग होती थी इसकी नागरिकता अलग होते थे तथा इसकी ताकतें भी भारत के अन्य राज्यों से अलग मानी जाती थी इसी कारण से इस राज्य को भारत के अन्य राज्य से अलग-थलग कर दी मगर अब केंद्र सरकार ने जब से इस राज्य की धारा 370 खत्म की है तब से देश के अन्य राज्यों के समान जम्मू एंड कश्मीर भी खड़ा हो गया है इससे देश के लोगों में इसके प्रति विश्वास और करीबी पर और बड़ा है

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