योजना का लाभ लेने के लिए पूरी करना होगी यह शर्तें
मेधावी छात्र योजना को पुरानी भारतीय जनता पार्टी की शिवराज सरकार ने छात्रों को प्रोत्साहन करने के लिए और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों की सहायता के लिए लागू किया था मगर वर्तमान में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने इस योजना को क्रमबद्ध करते हुए इसे और आसान कर दिया है फिलहाल इस योजना में सुधार करते हुए कमलनाथ सरकार ने इसे जारी रखा है पिछली सरकार में इस योजना में जिन लोगों को लाभ मिलता था उनकी मुख्य शर्तें मानी जाती थी कि छात्र के परिवार की आय ₹600000 से अधिक ना हो अगर यह परिवार की ₹600000 से अधिक आए होती है तो उन छात्रों को इस योजना का लाभ नहीं मिल सकता था मगर अब कमलनाथ सरकार ने इसे ₹600000 से बढ़ाकर ₹750000 कर दी गई है इस योजना से और अधिक छात्र छात्राओं को मदद मिलेगी मगर नई योजना के तहत सरकार केवल 75 फ़ीसदी तक ही विद्यार्थी को फीस की राशि आर्थिक सहायता के रूप में प्रदान करेगी जिसमें बाकी 25 परसेंट छात्र के अल्लाह को स्वयं वाहन करना होगा वित्त विभाग के द्वारा इस पर सहमति की मोहर लगा दी गई है इस नई योजना के तहत 45 हजार से अधिक मेधावी छात्रों को लाभान्वित होने की उम्मीद जताई जा रही है
वर्तमान स्थिति
हर साल इस स्कीम से 30 हजार छात्र जुड़ रहे हैं। अभी इनकी संख्या 90 हजार के करीब है। एक जुलाई 2019 से अब तक तीनों सत्रों के लिए 66 हजार 915 के आवेदन विभाग को मिल चुके हैं। इसमें से 3 हजार 340 विभिन्न स्तरों पर पेंडिंग हैं।
तकनीकी शिक्षा विभाग का ये था प्रस्ताव
- छह लाख आय सीमा के दायरे को बढ़ाकर साढ़े सात लाख तक किया जाए और पूरी फीस भरी जाए।
- साढ़े सात लाख से 8 लाख 40 हजार रुपए तक 50 प्रतिशत फीस भरी जाए।
- यदि आय 8 लाख 40 हजार रुपए से भी अधिक हो तो फीस न दी जाए।
ये हैं मेधावी योजना की अहम शर्तें
- मप्र का मूल निवासी हो।
- माध्यमिक शिक्षा मंडल के अधीन 12वीं कक्षा 70 प्रतिशत या इससे अधिक अंकों के साथ पास की हो।
- सीबीएसई पाठ्यक्रम के तहत 12वीं परीक्षा 85 प्रतिशत या इससे अधिक अंकों से पास हो।
- पिता-पालक की अधिकतम आय 6 लाख से अधिक न हो।
- आईआईटी-जेईई मेंस में रैंक डेढ़ लाख के अंदर हो। सरकारी काॅलेज में प्रवेश लेेने पर पूरी फीस और निजी काॅलेज या अनुदान प्राप्त कालेज में प्रवेश लेने पर डेढ़ लाख रुपए या जो वास्तविक फीस हो, दी जाएगी।
- मेडिकल के लिए नीट के माध्यम से एमबीबीएस या बीडीएस में प्रवेश लेने पर फीस दी जाएगी। इसके अतिरिक्त भारतीय शिक्षण संस्थान के द्वारा आयोजित मेडिकल परीक्षा में प्रवेश लेने पर फीस दी जाएगी।