पहले जीती 61 सीटें छोड़ने को कोई राजी नहीं सीट शेयरिंग पर फंसा पेच

0
97
waynews
waynews

नई दिल्ली. कांग्रेस इंडिया गठबंधन में शामिल सहयोगी दलों के साथ 2019 में लड़ी गई सीटों के नतीजों के साथ समीक्षा कर सीट शेयरिंग का फॉर्मूला निकालने की मशक्कत कर रही है। इसमें सबसे बड़ा पेंच 2019 के लोकसभा चुनाव में जीती हुई 61 सीटों को लेकर फंसा हुआ है। इन सीटों को कोई भी दल छोड़ने को तैयार नहीं है। इस तरह की मुश्किल पंजाब, बिहार, पश्चिम बंगाल और केरल में ज्यादा दिख रही है।

दरअसल, इंडिया गठबंधन का अस्तित्व ही कांग्रेस व उसके सहयोगी दलों की ‘कुर्बानी’ पर टिका है। गठबंधन की चार बैठकों में नेताओं ने ‘कुर्बानी’ का नारा तो दिया, लेकिन इसे अमल में कोई भी नहीं लाना चाहता। यही वजह है कि जेडीयू ने बिहार को लेकर स्थिति साफ कर दी है कि 2019 में जीती सभी 16 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है। बल्कि हारी हुई एक सीट पर भी दावेदारी जता दी है। कांग्रेस ने पंजाब की 13 में से 8 सीटें, केरल की 20 में से 15 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं टीएमसी ने पश्चिम बंगाल की 42 में से 22 सीटें जीत रखी है।

पंजाब-दिल्ली को लेकर बैठक

कांग्रेस नेताओं की पंजाब व दिल्ली को लेकर आप नेताओं के साथ बैठक हुई। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस दिल्ली में तीन से चार और पंजाब में 9 से 10 सीटें मांग रही है। वहीं आप इन दोनों राज्यों के अलावा हरियाणा, गोवा, गुजरात में भी सीटों की मांग कर रही है। पहले दौर की बैठकों के बाद कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक ने कहा कि हम सीट शेयरिंग को अंतिम रूप दे रहे हैं। दोनों ही पार्टी इस गठबंधन का महत्वपूर्ण हिस्सा है।सहयोगी दलों के साथ औपचारिक बैठक शुरू कर दी है। कांग्रेस अलायंस कमेटी की पहली बैठक आरजेडी के नेताओं के बीच बिहार को लेकर हुई। कांग्रेस ने बिहार की 39 में से 11 सीटों की मांग की है। जबकि जेडीयू पहले ही खुले तौर पर 17 सीट मांग चुकी है।

Publishers Advertisement