आईसीएमआर के अनुसार, चिप्स, आइसक्रीम जैसे अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड सेहत के लिए काफी हानिकारक हैं। इनमें उच्च मात्रा में वसा, शकर और नमक होता है, जो मोटापे को बढ़ाता है। इससे हार्ट अटैक की आशंका भी बढ़ जाती है। 5 संस्थान ने नूडल्स, सेरेल्स, मिक्स सूप और केक मिक्स जैसे खानों को अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स की कैटेगरी में डाला है। आईसीएमआर ने यह भी कहा है कि खरीदी करने से पहले पूरी तरह ब्रांड नाम पर निर्भर रहने के बजाय डिब्बों पर लगे खाद्य लेबल को पढ़ें।ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, नई दिल्ली में डिपार्टमेंट ऑफ गायनेकॉलोजी एंड ओब्टेट्रिक्स में इलाज के लिए आई इन लड़कियों की एक ही परेशानी थी कि बच्चे नहीं हो रहे. इनमें ज्यादातर 28 से 35 साल की लड़कियां थीं. डॉक्टरों के मुताबिक जब इन महिलाओं की हिस्ट्री देखी गई तो इनके भोजन में जंक फूड का सेवन ज्यादा मिला था. जिसकी वजह से इन्हें ओबेसिटी और पीसीओएस की परेशानी हुई और फिर कंसीव करने में दिक्कतें आ रही थीं.फास्ट या जंक फूड को सुरक्षित फूड नहीं कहा जा सकता. यह नुकसान ही करता है लेकिन फिर भी अगर कोई नहीं मानता है या कभी कभी मजबूरी में जंक फूड खाना पड़ता है तो महीने में एक या दो मील से ज्यादा जंक फूड न लें. लड़कियां महीने में दो बार से ज्यादा बिल्कुल न खाएं और जब भी खा रही हैं तो समय का विशेष ध्यान रखें. जंक फूड खाकर सो जाने के कई नुकसान हैं. पेरेंट्स को बचपन से ही जंक फूड को लेकर बच्चों को भी जागरुक करना चाहिए और एक बेरियर लगाना चाहिए कि इतने से ज्यादा बार उन्हें जंक फूड खाने को नहीं मिलेगा.
60% बीमारियों की वजह नूडल्स, चिप्स और आइसक्रीम जैसे जंक फूड
Publishers Advertisement