वित्त वर्ष 2024-25 में प्रदेश सरकार को इतिहास में अब तक का सबसे भारी भरकम 88,540 करोड़ रुपए का कर्ज लेना होगा। इसमें से 73,540 करोड़ रुपए बाजार और 15 हजार करोड़ रुपए केंद्र सरकार से लेने की योजना है। इसके बाद ही लाड़ली बहना जैसी फ्लैगशिप योजनाएं ‘व चल पाएंगी। खास बात है कि वित्त वर्ष 2023-24 ह में सरकार को 55,708 करोड़ रुपए कर्ज लेना पड़ा था। यानी सरकार इस बार 38% ज्यादा कर्ज लेगी। हालांकि, वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा का स्पष्ट कहना है कि कर्ज विकास कार्यों के लिए लिया जाता है जिसका भुगतान भी समय से किया जाता है। लेकिन चिंता यह भी है कि इस साल बजट अनुमान 3.50 लाख करोड़ रुपए है। फ्लैगशिप योजनाओं को चलाने के लिए सरकार ने यदि 88 हजार करोड़ का कर्ज लिया तो कुल कर्ज पहली बार 4 लाख करोड़ रुपए के पार हो जाएगा।
ये हैं कारण : लाड़ली बहना जैसी योजनाओं के लिए हर साल 25 हजार करोड़ रु. चाहिए लाड़ली बहना योजना में हर साल 18 हजार करोड़ रुपए खर्च हो रहे। इसके अलावा 100 रुपए में 100 यूनिट बिजली देने में 5,500 करोड़ रुपए, कृषि पंपों पर सब्सिडी पर 17 हजार करोड़ रुपए और 450 रुपए में सिलेंडर देने की योजना के लिए 1000 करोड़ रुपए चाहिए। फ्री मुफ्त योजनाओं का खर्चा हर साल 25 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा है। इसमें लाड़ली बहना का 12वीं किस्त के भुगतान में 16 हजार करोड़ रुपए पार कर गया है।