उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के गांव में रहने वाले लोग इन दिनों अपना घर और जमीन सब कुछ ओने पौने दाम में बेचने को मजबूर हैं और वह अपनी सारी जमीन तथा मकान बेचकर गांव छोड़कर दूसरी जगह जाने को मजबूर हैं क्योंकि उनके खिलाफ ऐसी एसी आईटी एक्ट में फर्जी मुकदमे लगवा कर उनको जेल में बंद कराया जा रहा है और उनके परिवारों को परेशान किया जा रहा है परिवार के युवाओं को एक्ट में फंसा कर गलत तरीके से उनका जीवन बर्बाद किया जा रहा है यह सारी घटना उत्तर प्रदेश के एक गांव में घटित हो रही है जिसमें गांव के कुछ लोग अपने ही गांव के दूसरे लोगों के साथ इस तरह का बर्ताव कर रहे हैं जिससे उनको अपना सब कुछ बेच कर दो छोड़कर दूसरी जगह जाना पड़ रहा है
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के एक गांव के लोग पलायन को मजबूर हो गए हैं। गांव के लोगों के मुताबिक, एससी-एसटी ऐक्ट के फर्जी मुकदमों से तंग आकर अन्य जातियों के लोग गांव छोड़कर जा रहे हैं। ग्रामीणों ने अपने मकानों की बिक्री के लिए बोर्ड लगा दिए है। लोगों ने जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।
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बताया गया कि जिले के थाना नारखी के गांव गोथुआ में 27 जनवरी को बच्चों के बीच हुए झगड़े ने तूल पकड़ लिया था और दो पक्षों में मारपीट हुई थी। जिसके बाद अनुसूचित जाति के एक पक्ष ने गांव के ही कई लोगों पर जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने और अन्य अनर्गल आरोप लगाकर उनके खिलाफ थाने में तहरीर दे दी है, जिससे ग्रामीण परेशान हैं।
गांववालों का आरोप- फर्जी मुकदमे में जेल गए 14 लोग
ग्रामीणों के अनुसार, गांव में रहने वाले अनुसूचित जाति के लोग पहले भी एससी-एसटी के फर्जी मुकदमे लिखवाकर गांव के 14 लोगों को जेल भिजवा चुके हैं। आरोप है कि एक बार फिर फर्जी मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है। ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि जो बच्चे नौकरी की तैयारी कर रहे हैं, उन्हीं को निशाना बनाकर उनके खिलाफ एससी-एसटी ऐक्ट का मुकदमा लिखवाकर उन्हें जेल भिजवा दिया जा रहा है। मुकदमा दर्ज होने जाने से युवाओं का भविष्य खराब हो रहा है।
परेशान ग्रामीणों के मुताबिक, लगातार मुकदमों और प्रताड़ना के चलते मजबूरन उन सभी ने अपने-अपने मकान बेचकर गांव छोड़ने का मन बना लिया है। उनका कहना है कि यदि प्रशासन और पुलिस द्वारा उनकी सुनवाई नहीं की जाती तो वे गांव से पलायन करने को मजबूर होंगे।