अप्रैल से शुरू होने जा रहा है आर एस एस (RSS)का पहला आर्मी स्कूल

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अप्रैल माह से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपना पहला आर्मी स्कूल शुरू करने जा रहा है जिसकी तैयारियां अंतिम चरण में चल रही है आगे तैयारियां पूर्ण होते ही इस सत्र से स्कूल सिर्फ होने की संभावना बताई जा रही है यही स्कूल अप्रैल माह तक शुरू हो सकता है इस स्कूल में उन बच्चों को शिक्षा दी जाएगी  जो कि सेना में शामिल होने का जज्बा रखते हैं इसकी स्कूल का संपूर्ण संचालन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS)के द्वारा ही किया जाएगा इसे स्कूल का सच संचालन भी संघ की शिक्षा शाखा विद्या भारती के द्वारा किया जाना तय है स्कूल का नाम भी आर एस एस के पूर्व सर संघ चालक राजेंद्र सिंह और रज्जू भैया के नाम पर किया जाना है तथा स्कूल का नाम रज्जू भैया सैनिक विद्या मंदिर रखा जाएगा

एडमिशन की प्रक्रिया

इस स्कूल में प्रवेश पाने के लिए अगले माह से आप आवेदन कर सकते हैं जिसमें पहले  ग्रुप मैं कक्षा 6 के लिए 160 छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा जिसमें की फौज में शहीद हुए अभिभावकों के बच्चों को आरक्षण योजना के तहत आरक्षण भी दिया जाना सुनिश्चित किया गया है इसके तहत 56 सीटों पर भूतपूर्व सैनिकों के बच्चों को जो कि सेना में शहीद हो चुके हैं उनके बच्चों को इन सीटों पर प्रवेश उपलब्ध कराया जाएगा

स्कूल इस प्रकार का रहेगा

इस स्कूल के लिए पूर्व सैनिक और किसान राजपाल सिंह में स्कूल के निर्माण के लिए जमीन दान की है तथा जिसका 20000स्क्वायर मीटर में इस स्कूल का निर्माण होना सुनिश्चित हुआ है यह स्कूल अभी तीन मंजिला बनाया जाएगा और इसी स्कूल में साला के कक्ष के अलावा रहने की व्यवस्था भी की जाएगी जिसमें की हॉस्टल के लिए कमरे भी बनाए जाएंगे तथा साथ ही स्कूल परिसर में ही स्टाफ के रहने के लिए भी कमरों का निर्माण किया जाना है तथा इसके अलावा खेल का मैदान भी बनाया जाएगा इन सब को बनाने में लगभग ₹400000000 का खर्च आने की संभावना बताई जा रही है

स्कूल को  खुलने का कारण

इस स्कूल को खोलने का कारण बताया जा रहा है कि देश में तीनों सेना थल सेना जल सेना और वायु सेना मैं अधिकारियों की काफी कमी आ रही है और लोग सेना में जाना नहीं चाहते हैं इसी वजह से अधिकांश युवा अपने लक्ष्य से भटक जाते हैं और वह अन्य कामों में लग जाते हैं जिनमें की देशभक्ति का जज्बा पैदा नहीं हो पाता है और वह अन्य कामों में लग कर अपनी जीविका चलाने के लिए मजबूर होकर किसी ऐसे काम में लग जाते हैं कि जो कि  ना तो देश के हित में होता है और ना ही उनके हित में होता है इस कारण युवाओं में देशभक्ति का जज्बा पैदा करना और सेना के लिए युवाओं को तैयार करना जो कि भारतीय सेना में प्रवेश कर अपनी मातृभूमि की सेवा कर सके और अपना नाम देश में रोशन कर सकें युवाओं को इस बात के लिए तैयार करना कि देश सेवा ही सर्वोपरि सेवा होती है ऐसा भाव और संस्कार बच्चों में डालना यही स्कूल का मुख्य उद्देश्य प्रमुख कारण बताया जा रहा है

 

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