Delhi Election Results 2020: AAP पार्टी के जीतने पर शाहीन बाग में जमकर मना जश्न, बटी बिरयानी

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waynews

दिल्ली में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने पर आम आदमी पार्टी की जीत की खुशी में दिल्ली में कई जगह जश्न मने और मिठाइयां बांटी गई इसी के साथ ही केंद्र सरकार के खिलाफ धरना दे रहे शाहीन बाग के लोगों में भी आम आदमी पार्टी के गीत जाने पर जश्न मनाया और मिठाइयां बाटी शाहीन बाग के लोगों का मानना है कि वे जितने कि आम आदमी पार्टी की जीत जाने से खुश नहीं है उससे कहीं ज्यादा खुशी उन्हें इस बात की है कि बीजेपी की दिल्ली में हार भी है इस दौरान कई लोगों ने पार्टी की जीत को लेकर फ्री में बिरयानी पार्टी लेकिन शाहीन बाग में खुशी में हमेशा बिरयानी ही क्यों काटी जाती है इस बात का किसी भी खुशी को जाहिर करने से क्या मतलब निकाला जाता है और बीजेपी की हार को लेकर शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी इतना खुश क्यों होती है
दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से सत्ताधारी पार्टी ‘आप’ सरकार की वापसी हुई है, अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में आम आदमी पार्टी ने 62 सीटों पर जीत दर्ज की है, आप की शानदार जीत पर मंगलवार को सीएए के खिलाफ शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन करने वालों ने जमकर जश्न मनाया गया। इस दौरान कई लोगों ने पार्टी की जीत को लेकर मुफ्त में भोजन और बिरयानी बांटी। बता दें कि शाहीन बाग वाली ओखला सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अमानतुल्लाह खान ने जीत दर्ज कर ली है, उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी ब्रह्म सिंह को 28,501 वोटों के अंतर से हराया है।आपको बता दें कि दिल्ली के शाहीन बाग में लगभग पिछले दो महीनों से नागरिकता संशोधन बिल और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है, दिल्ली के चुनाव में शाहीन बाग भी अहम मुद्दा बना,बीजेपी और कांग्रेस की ओर से इस पर जमकर सियासी बयान दिए गए लेकिन आप पार्टी इस मुद्दे पर बचती आई है।

15 दिसंबर से महिलाएं शाहीन बाग में धरना दे रही हैं
हालांकि आपको बता दें कि जब मंगलवार सुबह मतगणना हो रही थी, उस वक्त दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए और एनआरसी के खिलाफ साइलेंट प्रोसेस्ट हो रहा था, प्रदर्शनकारी महिलाएं जो प्लेकार्ड हाथों में लिए बैठी थीं, उन पर लिखा था- आज मौन धरना है, हम किसी पार्टी का समर्थन नहीं करते हैं लेकिन जब आप पार्टी जीती तो उसके बाद वहां पर खुशी मनाई गई। मालूम हो कि 15 दिसंबर से महिलाएं शाहीन बाग में धरना दे रही हैं। इन महिलाओं की मांग है कि संशोधित नागरिकता कानून को वापस लिया जाए और एनआरसी नहीं होगी, इसका भरोसा दिया जाए।

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