CAA पर कांग्रेश इस मुद्दे पर अभी किसी भी तरह से पानी डालने के मूड में नहीं है मगर कांग्रेस के बड़े नेताओं की जीत के आगे अब कांग्रेस के ही लोगों के बीच से इसके विरोध की आवाज निकलने लगी है अभी हाल ही में मंदसौर जिले के सुवासरा से विधायक हरदीप सिंह डंग ने हाल ही में कहा था कि पाकिस्तान और बांग्लादेश आदि देशों से दुखी हिंदू शरणार्थी को अगर भारत में नागरिकता मिलती है तो इससे किसी को क्या दिक्कत हो सकती है आखिर इसमें बुराई ही क्या है उन्होंने CAA औरNIC को अलग-अलग बताया था और अपनी पार्टी के लोगों को नसीहत देते हुए कहा था कि देश को गुमराह ना करें यह मुद्दा भी शांत ही नहीं हुआ था कि मध्यप्रदेश के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने भी अपनी पार्टी के नेताओं को नसीहत दे डाली उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट से कहा है
नागरिकता कानून की राजनीति बन्द करो।अब तो मुसलमान भी कह रहे हैं कि बंद करो।वो कह रहे हैं कि हमारे रोजगार की व्यवस्था करो।रस्सी को ज्यादा खींचने से वो टूट जाती है।
— lakshman singh (@laxmanragho) January 10, 2020
CAA पर राजनीति करना बंद कर देना चाहिए चाचौड़ा से विधायक लक्ष्मण सिंह ने कहा है कि नागरिकता कानून पर राजनीति बंद कर दो अब तो मुसलमान भी कह रहे हैं कि इस पर राजनीति बंद हो जानी चाहिए उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है कि इस पर राजनीति की बजाए हमें रोजगार और विकास की बात करना चाहिए तथा इन्हीं मुद्दों को लेकर सरकार का विरोध भी करना चाहिए क्योंकि रस्सी को ज्यादा खींचने से वह टूट जाती है विधायक लक्ष्मण सिंह ने इससे पहले भी दिसंबर में CAA के समर्थन में ट्वीट कर चुके हैं
"राष्ट्रीय नागरिकता कानून"संसद में पारित हो चुका है,सभी दलों ने अपने विचार व्यक्त कर दिए हैं।इस विषय पर ज्यादा टिप्पणी,बयान,व्यर्थ हैं।इसे स्वीकार करो और आगे बढ़ो।
— lakshman singh (@laxmanragho) December 13, 2019
राष्ट्रीय नागरिकता कानून संसद में पारित हो चुका है सभी दलों ने इसे अपने विचार से व्यक्त किया है अब इस पर ज्यादा टिप्पणी करना व्यर्थ है इसे स्वीकारो और आगे बढ़ो हालांकि कांग्रेस हाईकमान और मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री खुले तौर परCAA का विरोध अभी कर रहे हैं और वह इस मुद्दे को अभी ठंडा करने के मूड में बिल्कुल भी नहीं है हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ भी इस मुद्दे को जिंदा रखना चाहते हैं मगर मध्य प्रदेश के ही एक के बाद एक विधायक इसके पक्ष में खड़े होते दिख रहे हैं इससे ऐसा लगता है कि यह मुद्दा ज्यादा दिन तक कांग्रेस के लिए जिंदा रखना बड़ी मुसीबत की बात हो सकती है